सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देने के मामले में राज्य सूचना आयोग जयपुर ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर के कमिश्नर राजेन्द्र भट्ट को नोटिस थमाया है। लापरवाही करने पर सूचना आयोग ने कमिश्नर को दंडित कार्रवाई की हिदायत देते हुए 15 दिन में जवाब मांगा है। सूचना आयोग ने कमिश्नर को भेजे नोटिस में लिखा है कि आपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत अपील पर न तो आपने टिप्पणी की है और न ही कोई इस संंबंध में कोई जानकारी भिजवाई है। सूचना भी नहीं दी जो अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। साथ ही कमिश्नर को 30 मई 2023 को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला तत्कालीन जनजाति आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार के समय का है। तब जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से 28 से 30 नवंबर 2019 तक सेकंड नेशनल ईएमआरएस कल्चरल फेस्ट एवं जनवरी में रोजगार मेला लगाया गया था। संदेह है कि इनमें कुछ काम बिना वर्कआर्डर के करा लिए गए। चित्तौड़गढ़ के एक ग्राफिक्स डिजाइनर द्वारा किए काम के करीब 5.50 लाख रुपए का पेमेंट अब तक नहीं हुआ। इस पर पीसी यादव ने सूचना के अधिकार के तहत इन आयोजनों में हर काम के विवरण और उस पर खर्च से संबंधित जानकारी मांगी थी।
प्रथम अपील का गोलमाल जवाब, दूसरी अपील में नोटिस
प्रथम अपील करने पर जवाब गोलमाल दिया गया। फिर दूसरी अपील की गई। इसे गंभीरता से लेते हुए सूचना आयोग ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग आयुक्त उदयपुर को नोटिस जारी किया। मामले में लापरवाही बरतने पर तत्तकालीन कमिश्नर शिवांगी स्वर्णकार और वर्तमान कमिश्नर राजेन्द्र भट्ट पर गाज गिर सकती है।
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