राजस्थान में वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। दोनों ही सीटें मेवाड़ की हैं। यही वजह रही कि भाजपा का दो दिन का चिंतन शिविर इस बार मेवाड़ में महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ में किया गया। प्रदेशभर के कई अहम मसलों के साथ-साथ उप चुनाव सबसे प्रमुख मुद्दों में से एक रहा। इसे लेकर रणनीति भी तैयार की गई। क्योंकि चुनाव मेवाड़ में होने हैं, साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर दिए बयानों पर हुए विवाद के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए कुंभलगढ़ को चुना गया।
चिंतन शिविर में भाजपा ने मेवाड़ में प्रताप के बयान से पनप रहे विरोध को शांत करने के लिए हर कदम पर महाराणा प्रताप को याद किया। दो दिन के शिविर में कई बार महाराणा प्रताप को याद किया गया। कई बड़े नेता उस कक्ष में पहुंचे जहां महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। उनकी तस्वीर को नमन करने के साथ माल्यार्पण किया गया। बादल महल का दौरा किया और चेतक को भी श्रद्धांजलि दी। शिविर खत्म हुआ तो जो मोमेंटो सभी नेताओं को दिए गए वो भी महाराणा प्रताप के थे।
कुल मिलाकर उपचुनाव को लेकर कटारिया के प्रताप पर बयान से पनपे विरोध के बाद दो दिन के शिविर में यह बताने की कोशिश की गई कि बीजेपी महाराणा प्रताप का कितना सम्मान करती है। साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि पार्टी आने वाले दिनों में होने वाले उप चुनाव में नुकसान से बचने के लिए डैमेज कंट्रोल में जुटी है। शिविर से 4 दिन पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी गुलाबचंद कटारिया को मिलने बुलाया था। इसे लेकर भी चर्चा चली कि प्रताप पर दिए गए बयान के चलते ही भागवत ने कटारिया को मिलने बुलाया था। वहीं प्रताप के स्थानों पर भ्रमण में कटारिया का नहीं होना भी चर्चा का विषय रहा।
भींडर बोले : इतना सब किया मगर कटारिया का समर्थन कर पूनिया ने पानी फेर दिया
इधर भाजपा के पूरे घटनाक्रम पर जनता सेना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी रणधीर सिंह भींडर ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप पर बयान से जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई के लिए बीजेपी कुंभलगढ़ में जुटी थी। वहां महाराणा प्रताप के प्रति काफी सम्मान दिखाया गया, लेकिन अंत में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कटारिया को सोने सा खरा बताकर सब पर पानी फेर दिया। भींडर ने कहा कि आज महाराणा प्रताप के मोमेंटो बांट रहे हैं लेकिन इन्हीं नेताओं के रहते वल्लभनगर में महाराणा प्रताप की तस्वीर को पैरों में रखा गया था।
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