राजस्थान के उदयपुर में कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार से पहले रंगदारी वसूलने का मामला सामने आया है। कोरोना काल में जब लोग अपनों को खो रहे हैं, ऐसे समय भी लोग श्मशान घाट में परेशान लोगों से वसूली कर रहे हैं। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) कुलदीप सूत्रकार ने विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम के साथ शहर के 4 श्मशान घाटों का निरीक्षण किया। ADJ ने बताया कि गुरुवार को सेक्टर-3 श्मशान में वह खुद कोरोना मृतक के परिजन बनकर पहुंचे। यहां नगर निगम का कोई भी कर्मचारी या चौकीदार नहीं था। इसके बाद वहां मौजूद कुछ युवकों ने उनसे संपर्क किया। राजेश गोराना नाम के युवक ने 15 हजार रु. में कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार करने की बात कही।
सामान्य मौत का रेट 3 हजार
ADJ ने क्रिया कर्म की रकम कम करने को कहा, लेकिन राजेश नहीं माना। उसने कहा कि सामान्य शव होता तो 3 हजार रुपए में अंतिम संस्कार कर देता, लेकिन कोरोना मृतक के अंतिम संस्कार का यही रेट है। राजेश ने बताया कि लकड़ियों का खर्च भी आपका होगा। 15 हजार रु. लेकर हम सिर्फ एंबुलेंस से शव उतारकर चिता पर रखेंगे और अंतिम क्रियाओं में आपका साथ देंगे।
इंडियन ऑयल के कर्मचारी ने मांगी रंगदारी
इसके बाद ADJ सवीना श्मशान घाट पहुंचे। यहां उन्होंने कोरोना से हुई मौत पर अंतिम संस्कार करने की बात कही। वहां मौजूद शख्स ने 2100 रु. की मांग की। उसने कहा कि इस घाट में 4 पीढ़ियों से हमारा कब्जा है। ADJ कुलदीप ने उसके गले में लटका कार्ड देखा तो पता चला कि वह इंडियन ऑयल का कर्मचारी था, जो श्मशान में आने वाले लोगों से रंगदारी वसूल रहा था।
रंगदारी रोकने तैनात किए थे 5 कर्मचारी
ADJ कुलदीप सूत्रकार ने बताया कि उन्होंने उदयपुर पुलिस अधीक्षक और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा है। दरअसल, उदयपुर नगर निगम ने शहर के अशोक नगर श्मशान में भी रंगदारी की शिकायतों के बाद 5 कर्मचारी तैनात किए थे। इनका काम मृतकों के परिजनों की सहायता के साथ बढ़ती चौथ वसूली को रोकना था। उपमहापौर पारस सिंघवी ने बताया कि शहर के सभी श्मशान में लापरवाह निगम कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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