उदयपुर में नगर निगम ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। निगम के अतिक्रमण निरोधी दस्ते ने सवीनाखेड़ा में राजपुताना रिसोर्ट रोड पर अम्ब्रेशिया गार्डन के पास मकान मालिक द्वारा सड़क किनारे बनाए कब्जे को ध्वस्त किया। निगम के दस्ते ने दूसरी मंजिल पर हो रहे अवैध निर्माण की छत को पंक्चर किया।
निगम के पूरे दस्ते के साथ सवीना पुलिस की जाब्ता भी मौके पर मौजूद था। इसके बावजूद अतिक्रमण करने वाले घर मालिक की महिलाएं हंगामा करती रही। हालांकि महिला पुलिसकर्मियों के होने के चलते उनका हाई प्रोफाइल ड्रामा ज्यादा देर तक नहीं चल पाया। करीब दो महीने पहले नगर निगम में अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ उनके पड़ोसी ने रोड पर अवैध कब्जे की शिकायत की थी। खास बात यह है कि अतिक्रमण करने वाला लगातार अपने रिश्तेदार पार्षद और समिति अध्यक्ष के नाम की धौंस दिखा रहा था।
दरअसल सवीना में अतिक्रमण करने वाले नगर निगम में एक समिति के अध्यक्ष और पार्षद के रिश्तेदार थे। इसी के चलते शिवलाल चौधरी एक के बाद एक दो नोटिस पर परवाह किए बिना बार-बार निगम को ललकार रहा था। निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ के निर्देश पर औपचारिकताओं को पूरा करते हुए निगम की टीम ने करीब दो घंटे तक मौके पर कार्रवाई की। सबसे पहले दस्ते ने जेसीबी की मदद से मकान के बाहर बने कब्जे को तोड़ा।
मकान मालिक शिवलाल चौधरी और उनके रिश्तेदार बार-बार उनके रसूख की बात कहते हुए कार्रवाई नहीं करने के लिए रोकते की कोशिश करते रहे, मगर निगम अधिकारियों ने एक की नहीं सुनी और लगातार कार्रवाई को आगे बढ़ाते रहे। इसके बाद शिवलाल चौधरी के कई रिश्तेदार मौके पर पहुंचे, मगर भारी पुलिस जाब्ते के कारण चुप रहे। निगम ने रोड से अतिक्रमण हटाने के बाद चौधरी के घर की दूसरी मंजिल पर बिना स्वीकृति चल रहे बनाई छत को कई जगहों से पंक्चर किया।
असल में चौधरी द्वारा रोड पर किए अतिक्रमण की शिकायत उनके पडोसी कैलाश नागदा ने की थी। इसके बाद निगम आयुक्त के सामने पेश हुए और आयुक्त हिम्मतसिंह ने भी अतिक्रमण को अपने स्तर पर हटाने की बात कही थी। इसके बाद भी शिवलाल और उनका पुत्र नरेश चौधरी अपने रिश्तेदार पार्षद का रसूख दिखाते हुए अतिक्रमण नहीं हटाने पर अडे़ हुए थे। शिवलाल चौधरी और ख्यालीलाल चौधरी पार्षद के बडे़ भाई के साले (पत्नी के भाई) हैं, ऐसे में दोनों भाई लगातार निगम के नोटिस की परवाह नहीं कर अपनी धौंस जमा रहे थे।
इस दौरान निगम ने शिवलाल चौधरी को अवैध अतिक्रमण और बिना स्वीकृति बने मकान के बारे में नोटिस भी दिए थे। इस पर नोटिस का जवाब देते हुए चौधरी इसे निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया, तो एक बार मवेशी बांधने के लिए उस कब्जे वैकल्पिक उपाय बताया था, जबकि चौधरी ने इसी मकान के पट्टे के लिए नगर निगम में फाइल लगा रखी थी।
अतिक्रमण के नोटिस पर उल्टे जवाब देने पर नगर निगम ने इस फाइल को लगातार आगे बढ़ाया और करीब दो महीने औपचारिता पूरी होने के बाद बुधवार को कार्रवाई से अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया। कहा जा सकता है कि नगर निगम के अतिक्रमण निरोधी दस्ते ने महापौर जीएस टांक और आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ के नेतृत्व में पार्षद के करीबी रिश्तेदार द्वारा रोड पर किए अतिक्रमण को तोड़कर कड़ा संदेश देने की कोशिश की हैं।
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