उदयपुर में सलूंबर के समीप ओड़ा रेल ब्रिज को डेटोनेटर से उड़ाने की साजिश में दहशतगर्द भले ही कामयाब नहीं हो पाए, पर पुलिस-प्रशासन के अलर्ट होने के दावों और डेटोनेटर लाइसेंस से खरीद-बिक्री के नियमों की धज्जियां जरूर उड़ती नजर आईं।
भास्कर की उदयपुर और राजसमंद जिले की टीम ने डेटोनेटर खरीदने का प्रयास किया तो न केवल यह बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो गया, बल्कि इसे राजसमंद से उदयपुर तक लाने और शहरभर में लेकर घूमने तक किसी ने कोई रोक-टोक तक नहीं की।
यह सब तब है, जबकि उदयपुर पुलिस अलर्ट मोड पर है। भास्कर को 25 किलो डेटोनेटर साढ़े तीन हजार रुपए में राजसमंद में आमेट-सरदारगढ़ रोड पर आसानी से उपलब्ध करा दिया गया। यानी महज 140 रुपए किलो में। उदयपुर जिले के ओड़ा, सिंघटवाड़ा, केवड़ा, रेला, पलोदड़ा, देवाला और एकलिंगपुरा जैसी जगहों पर भी 25 किलो की पेटी 3500 से 6 हजार रुपए में दिए जाने को तैयार हो गए।
हालांकि, सख्ती की वजह से एक दिन बाद यानी बुधवार को सप्लाई देने की बात कही। सप्लायर ने यहां तक कहा कि आपको 25 किलो से ज्यादा भी माल चाहिए तो मिल जाएगा। बता दें कि उदयपुर से करीब 31 किमी दूर ओड़ा ब्रिज पर पिलर नंबर 145/3 के पास शनिवार देर शाम करीब 7:45 बजे 3 किलो डेटोनेटर से धमाका किया गया था। इससे पटरी में क्रैक आ गया था और पटरी के बीच लगी सवा इंच मोटी आयरन प्लेट 10 फीट तक उखड़ गई थी। आगे खबर और भी है, उससे पहले नीचे दिए गए पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय जरूर दीजिए।
इस धमाके से डेढ़ घंटे पहले ही यहां से अहमदाबाद के लिए ट्रेन निकली थी। धमाके की आवाज सुनने के बाद रविवार सुबह 7:45 बजे ग्रामीण संदीप मीणा मौके पर पहुंचे, तब घटना का पता चला। इस ट्रैक का 17 दिन पहले ही पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था। उदयपुर में 4 से 7 दिसंबर तक जी-20 शेरपा सम्मेलन भी होने वाला है। जांच एजेंसियां इसे आतंकी धमाका बता रही हैं। उधर, भास्कर टीम की ओर से लाया गया डेटोनेटर मैग्जीन में जमा करा दिया गया।
पहले 4 हजार मांगे, फिर 3500 में सौदा, बोले- जितना मर्जी ले जाना
भास्कर को राजसमंद में आमेट सरदारगढ़ रोड स्थित सुनसान जगह पर डेटोनेटर दिया गया। रिपोर्टर ने कुएं पर ब्लास्ट करने के लिए खरीदा। सप्लायर ने 25 किलो के कार्टन के 4 हजार रु. मांगे। फिर 3500 में देने को तैयार हो गया। उदयपुर में भी अलग-अलग जगह डेटोनेटर उपलब्ध था। हालांकि, सबने सप्लाई एक दिन बाद देने की बात कही। यह भी कहा कि जितना किलो चाहिए ले जाना। यहां 25 किलो की कीमत 6 हजार तक मांगी गई।
लाइसेंस से ही खरीद-बिक्री, अवैध इसलिए मिल जाता है...
डेटोनेटर लाइसेंसशुदा मैग्जीन ही देती है और लाइसेंस होने पर ही खरीदा जा सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि अवैध रूप से कैसे मिल जाता है? दरअसल, केंद्र-राज्य सरकार के सख्त निर्देश हैं कि रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज करना होता है।
लेकिन इस सबके बावजूद यह हिसाब कोई नहीं मांगता कि कितना विस्फोटक और डेटोनेटर उपयोग में लिया गया है और बचा हुआ विस्फोटक और डेटोनेटर कहां और किसके पास है? खान-ट्रैक्टर संचालकों के यहां काम करने वाले कई श्रमिक बचा हुआ विस्फोटक और डेटोनेटर ले जाते हैं। कई मामलों में मैग्जीन भी बिना लाइसेंस देखे डेटोनेटर बेच देते हैं।
पुल तो उड़ने से बचा, लेकिन देखिए- कैसे उड़ी सख्ती की धज्जियां
भास्कर ने डेटोनेटर का सौदा किया तो हर कार्टन में 9 गुल्ले थे। एक गुल्ले का वजन 2.78 किलो था। टीम कार्टन को लेकर राजसमंद से फोरलेन होते हुए नाथद्वारा बस स्टैंड पहुंची। वहां विस्फोटक के साथ खड़े रहे। बाद में उदयपुर आए। यहां फतहपुरा चौकी के सामने, सहेलियों की बाड़ी, यूआईटी सर्कल, चेतक सर्कल, एमबी अस्पताल रोड, कोर्ट चौराहा और कलेक्ट्री परिसर तक डेटोनेटर का कार्टन लेकर घूमी।
देहलीगेट चौराहे पर पुलिस कंट्रोल रूम पर पहुंचे। बापू बाजार, सूरजपोल चौराहा होते हुए अभय कमांड पहुंचे। यहां से शक्तिनगर होते हुए शास्त्री सर्कल, पंचवटी, सुखाड़िया सर्कल से विधायक प्रीति शक्तावत के निवास पहुंचे। इस दौरान किसी पुलिसकर्मी ने विस्फोटक पकड़ना तो दूर की बात, यह तक भी नहीं पूछा कि कार्टन में क्या है। जबकि उस पर डेंजर एक्सप्लोसिव लिखा हुआ था।
अवैध विक्रेताओं पर कार्रवाई करेंगे
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा कि जिले में कहीं भी अवैध रूप से डेटोनेटर बिक रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। तुरंत अभियान चलाएंगे। राजसमंद एएसपी शिवलाल बैरावा बोले कि एक्सप्लोसिव अवैध रूप से बिक रहा है तो गलत है। सभी थानाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए।
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