फतहसागर लबालब हुआ, अब पीछोला झील को भरेगा:इतिहास में पहली बार फतहसागर ने पीछोला को दिया पानी, 4 इंच गेट खोले

उदयपुर8 महीने पहले
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11 फीट क्षमता वाली पीछोला झील का जलस्तर फिलहाल 7 फीट है।

उदयपुर में मंगलवार सुबह फतहसागर लिंक नहर के गेट खोल दिए गए। ऐसा पहली बार हुआ जब फतहसागर बेहद जल्दी लबालब हो गया और उससे पीछोला में पानी डायवर्ट किया गया। फतहसागर लिंक नहर के गेट 4 इंच खोल दिए गए। इससे अब रोजाना 70 क्यूसेक पानी पीछोला झील में ट्रांसफर किया जाएगा। पीछोला में सिर्फ उतना ही पानी डायवर्ट किया जाएगा जितनी आवक मदार बांधों से फतहसागर में हो रही है।

सोमवार शाम को 13 फीट क्षमता वाला फतहसागर लबालब हो गया था। वहीं 11 फीट क्षमता वाली पीछोला झील अब भी 4 फीट खाली है। इसका जलस्तर फिलहाल 7 फीट के नजदीक पहुंचा है। आमतौर पर फतहसागर के लबालब होते ही इसे छलका दिया जाता है। इसके बाद इसका पानी आयड़ नदी से होते हुए उदयसागर में पहुंचता है। मगर इस बार यह पानी पीछोला को दिया जा रहा है। इस दौरान जल संसाधन विभाग के एक्सईएन कैलाश जैन, एईएन निर्मल मेघवाल, जेईएन जगदीश डांगी सहित अन्य इंजीनियर्स मौजूद रहे।

फतहसागर को 4 इंच से ज्यादा खाली नहीं करेंगे

फतहसागर से पीछोला में पानी डायवर्ट तो किया गया है। मगर यह तबतक होगा जबतक कि फतहसागर में मदार बांधों से आवक हो रही है। जैसे ही यह आवक धीमी हुई या बंद हुई। इसे रोक दिया जाएगा। फतहसागर को 4 इंच से ज्यादा खाली नहीं किया जाएगा। क्योंकि फतहसागर को भरने का जरिया सिर्फ मदार बांध ही हैं। जबकि पिछोला में सीसारमा नदी, मादड़ी, देवास बांधों सहित कई नहरों से पानी की आवक होती है।

इस बार मानसून ने ट्रेंड बदल डाला

उदयपुर में मानसून का ट्रेंड बदल गया। इससे उदयपुर के झीलों और तालाबों का ट्रेंड भी बदला। इस साल जुलाई में ही गोगुंदा, मदार सहित आसपास के इलाकों में अच्छी बरसात हुई। अबतक गोगुंदा में 627 एमएम और मदार में 500 एमएम बरसात हो चुकी है। इससे पहली बार इतिहास में ऐसा हुआ जब जुलाई के महीने में ही मदार बड़ा और छोटा दोनेां बांध छलक गए। इनके छलकने से फतहसागर में जुलाई के मध्य से ही आवक शुरू हो गई।

पीछाेला के कैचमेंट में नहीं हुई बरसात

वहीं दूसरी ओर आमतौर पर देवास, नाई क्षेत्र जहां अच्छी बरसात होती है उन इलाकों में इस बार बरसात नहीं हुई। देवास में अबतक महज 395 एमएम और नाई में महज 274 एमएम पानी बरसा। नाई, बूझड़ा, कोडियात इलाका पीछोला का कैचमेंट एरिया है। यहां अच्छी बरसात होने से सीसारमा नदी से होते हुए पानी पीछोला झील में पहुंचता है। मगर यहां बरसात नहीं होने से पीछाेला में आवक नहीं हो पाई। वहीं देवास और मादड़ी बांध भी इस बार भरे नहीं। इनके लगभग 75 प्रतिशत भरने पर इनका पानी पीछोला झील में डायवर्ट किया जाता है। उससे भी पीछोला भरती है।

पीछोला, उदयसागर, देवास के भरने की उम्मीदें

फतहसागर के लबालब होने के बाद अब उदयपुर के बाकी बड़े बांध और झीलों के भरने का इंतजार है। उदयसागर, वल्लभनगर, पीछोला, देवास, मादड़ी, आकोदड़ा, गोवर्धन सागर बांध अबतक खाली हैं। वहीं जयसमंद झील में लगातार आवक के बावजूद यह लगभग आधी अब भी खाली है। उदयपुर में अगस्त के महीने में अबतक खास बरसात नहीं हुई है। जिसके चलते ज्यादा आवक नहीं हो पाई है।