मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आदिवासी दिवस के मौके पर बांसवाड़ा और मानगढ़ धाम के कार्यक्रम के बाद मंगलवार को उदयपुर पहुंचे। यहां पहुंचते ही स्थानीय कलाकारों ने आदिवासी गैर डांस कर सीएम गहलोत का स्वागत दिया। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी कलाकारों की टोली में शामिल हो गए।
गहलोत और डोटासरा ने पहले साथ में गैर खेला। इस दौरान डोटासरा जमकर नाचे। इसके बाद अशोक गहलोत ने ढोल बजाया। इसके बाद अशोक गहलोत सर्किट हाउस पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान गहलोत ने मृतक जून में जघन्य अपराध का शिकार हुए कन्हैयालाल के दोनों बेटों से मुलाकात की।
यहां बिहार में जदयू और बीजेपी गठबंधन में हुई टूट को लेकर गहलोत ने कहा कि इनका नापाक गठबंधन था। सरकार में आने के लिए वो टूट गया। गोवा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र। आज ये जो तानाशाही प्रवृति है। ये लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, हत्यारे हैं। संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। देश इनको माफ नहीं करेगा। महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने अभियान शुरू कर दिया है। 28 को रामलीला मैदान पर बड़ी रैली है।
कटारिया के लिए बोले- उनकी अपनी पार्टी में नहीं चलती है
गहलोत ने कहा कि महंगाई की मार है, रसोई चलाना मुश्किल हो गया है। कबतक धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाओगे। इसकी एक सीमा होती है। देश रोटी मांगता है। रोजगार नहीं मिलेगा तो रोटी कैसे मिलेगी। हालात बड़े गंभीर हैं। इधर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को कहा- ईआरसीपी की पैरवी करो। देवास की योजना कटारिया-वसुंधरा पूरा नहीं कर पाए थे। हमने पूरा किया। कटारिया की खुद की पार्टी में नहीं चलती है।
हमने नौकरी दी मगर मैं खुद इससे संतुष्ट नहीं : अशोक गहलोत
कन्हैयालाल के बच्चों से मुलाकात को लेकर गहलोत ने कहा- बच्चे अपने मन से मेरे पास आए। ये शुक्रिया कर रहे हैं। मगर इतना बड़ा हादसा हुआ हम कैसे भूल सकते हैं। चाहे नौकरी दे दी हो, मगर मैं खुद ही संतुष्ट नहीं हूं। ये भयावह घटना हुई। हत्यारों को सजा मिले, ये हम चाहते हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भींडर के लिए रवाना हो गए। यहां गहलोत ने 4.40 करोड़ की लागत से गजेंद्र सिंह गर्ल्स कॉलेज और 2 करोड़ से सीएचसी मेनार विस्तार योजना का शिलान्यास किया। इससे पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि सरकार बदलती है तो काम ठप हो जाते हैं। बीजेपी आती है तो काम ठप होते हैं, हम काम ठप नहीं करते।
केंद्र ईआरसीपी बंद करना चाह रहा, हम नहीं कर रहे
ईआरसीपी को लेकर हम पीछे पड़े हुए हैं। पहला केस होगा कि केंद्र सरकार ने हमें प्रोजेक्ट को लेकर लिखकर भेजा कि आप इस योजना को रोक दीजिए। हमने कहा- हम नहीं रोकेंगे। 9000 करोड़ रुपए मैंने सैंक्शन किए। काम चलता रहेगा। मांग करते रहेंगे।
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