राजस्थान न्यूमोकोनियोसिस (सिलिकोसिस) नीति 2019 के क्रियान्वयन के प्रबोधन एवं इससे संबंधित समुचित निर्णय लेने हेतु जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में सिलिकोसिस मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उपनिदेशक मानधाता सिंह ने सिलिकोसिस नीति, किन कारणों से सिलिकोसिस रोग होता है, सिलिकोसिस रोग होने पर राजकीय राहत प्राप्त करने की प्रक्रिया एवं सिलिकोसिस रोग न हो, इससे संबंधित सुरक्षात्मक बिंदुओं एवं साधनों के उपयोग किए जाने पर विस्तार से विवरण बताया।
जिला कलेक्टर ने मौजूद उद्योग प्रभारियों, खान विभाग से संबंधित संचालकों एवं विभिन्न क्षेत्रों में निर्माण कार्य अन्तर्गत संलिप्त व्यक्तियों को पुरी सावधानी के साथ कार्य करने व उनमें जागरूकता पैदा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, विभिन्न श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों व निर्माण उद्योग से संबंधित संचालकों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें निर्माण कार्य के वक्त पुर्ण सावधानी एवं सुरक्षा के साथ कार्य करने हेतु चर्चा एवं विचार गोष्ठी नियमित रूप से करने के निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सिलिकोसिस नीति अन्तर्गत पंजीकरण से शेष रहे आवेदकों के बारे में बताया जिसमें लगभग विभिन्न स्तर पर एक हजार आवेदनों का सत्यापन बकाया है। इस पर कलेक्टर ने निर्देश दिए की युद्ध स्तर पर वृहत कैम्प लगाकर लंम्बित आवेदनों का निस्तारण शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें।
प्राथमिक उपचार के पश्चात ही कराएं रजिस्ट्रेशन
स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि धर्मेन्द्र गौराणा द्वारा बताया कि कई व्यक्ति जिन्हें हल्की सांस की बीमारी होती है तो भी अपना रजिस्ट्रेशन इस पोर्टल पर कर देते है जबकि वास्तविकता में प्रमाणित प्रक्रिया अन्तर्गत सिलिकोसिस रोग से ग्रसित नहीं होते है। इस प्रकार प्रथम दृष्टया अपात्र व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन की संख्या बहुत अधिक होने से निरस्तिकरण का आकंड़ा बहुत ज्यादा है। इस हेतु प्रत्येक ई-मित्र केन्द्र संचालकों को निर्देश जारी किए जाएं कि प्राथमिक उपचार के बाद यदि उनमें सिलिकोसिस रोग के लक्षण हो तभी उनका रजिस्ट्रेशन ई-मित्र केन्द्र द्वारा उनकी चिकित्सकीय पर्ची देखकर किया जाए।
शीघ्र हो टास्क फोर्स का गठन
कलेक्टर ने निर्देश दिए की सभी संबंधित विभाग के अधिकारी एवं संस्था प्रतिनिधियों के साथ एक टॉस्क फोर्स का गठन किया जाए व उन्हें सभी संबंधित, उद्योगों निर्माण प्रतिष्ठानो व खदानों की सुची दी जाए ताकि ऐसे स्थानों पर जाकर आकस्मिक निरीक्षण कर सकें। इसके अलावा असुरक्षा बरतने वाले प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही करने का प्रस्ताव टॉस्क फोर्स द्वारा प्रेषित किया जाए।
बैठक में नारायण लाल कलासुवा, सर्फराज, सौरभ गुप्ता, गोविन्द जांगिड़, अर्चना सिंह, आदि संस्था संचालकों, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ अधिकारी नरेन्द्र सिंह शक्तावत, विभिन्न उद्योगों के संचालक, संयुक्त क्षम आयुक्त साकेत मोदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामनिया, खान विभाग के अधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
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