पानी में विराजित माता की यह तस्वीर राजसमंद के सांसेरा गांव में स्थित जलदेवी की है। माता के सामने सैकड़ों मछलियां तैरती दिखाई दे रही हैं। खास बात है कि देवी साल में 8 माह (अगस्त से मार्च) जल प्रवास पर होती हैं। सिर्फ 4 माह (अप्रैल से सितंबर) तक तालाब का पानी उतरने पर भक्तों काे दर्शन देती हैं।
यहां माता की दो प्रतिमाएं हैं। एक प्रतिमा तालाब के बीच में बनी छतरी के पास और दूसरी छतरी के नीचे यानी तालाब के पेटे में है। जब पानी भर जाता है तो तालाब के पेटे वाली प्रतिमा पानी में डूब जाती है। तब भक्त दूसरी प्रतिमा के दर्शन करते हैं। ग्रामीण बताते है कि साल में एक बार यहां पानी का दीपक जलता है।
इतिहास : यहीं से अकबर को मेवाड़ छोड़ना पड़ा था
इतिहासकार डॉ. श्री कृष्ण जुगनू बताते हैं कि यहीं पर अकबर ने हल्दीघाटी युद्ध के बाद डेरा डाला था। चार चौकियां बनाई थीं। मोही पर स्थापित चौकी का मोर्चा खुद अकबर ने संभाला था। सांसेरा के इस तालाब को बादशाह की मंगरी कहा जाता है। अकबर को यहां से मेवाड़ छोड़कर भागना पड़ा। लौटते वक्त यहां की खानों से चांदी लेकर गया। इसी चांदी से सिक्के बनाए, जिनमें उदयपुर मोंट लिखा गया।
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