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स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में रैंकिंग सुधारने के लिए नगर निगम ने छाेटे-छाेटे प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत शहर में सड़क किनारे और काॅलाेनियाेें में रखे गए बड़े कंटेनर (कचरा पात्र) काे हटाने का काम शुरू हाे गया हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण के नए प्रावधानाें में शहर काे कंटेनर फ्री करने की शर्त भी हैं। यह काम हाेने से भी उदयपुर की रैंकिंग में सुधार हाेगा।
निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने बताया कि घर-घर से कचरा एकत्र करने शहरभर में निगम के ऑटाे टीपर चल रहे हैं। ऐसे में कचरा डालने के लिए जगह-जगह रखे गए कंटेनर की अब उपयोगिता कम रह गई है। कंटेनर हटाने से लाेगाें में ऑटाे टीपर में ही कचरा डालने की आदत भी पड़ेगी। करीब 200 में से 75 कंटेनर हटाए जा चुके हैं। इधर, स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष और डिप्टी मेयर पारस सिंघवी ने बताया कि जिन वार्डाें में ठेकेदार के मार्फत ऑटाे टीपर चल रहे हैं उन वार्डाें में भी प्राथमिकता से कंटेनर हटाए जा रहे हैं। अब शहर बहुत जल्दी ही कंटेनर फ्री नजर आएगा।
दो बड़े फायदे : सफाई व्यवस्था सुधरेगी, निगम का खर्च बचेगा
शहर के कंटेनर फ्री होने के दो बड़े फायदे होंगे। निगम काे राेज शहर में विभिन्न जगहाें पर रखे 200 कंटेनर उठाकर बलीचा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में खाली करने पड़ते हैं। इस काम के लिए निगम काे डीजल सहित वाहनाें और कर्मचारियाें का अन्य खर्च भी वहन करना पड़ रहा हैं। अब इसकी बचत हाेगी। इस काम में लगे कर्मचारियाें का सफाई व्यवस्था से जुड़े दूसरे कामाें में उपयाेग हाे सकेगा। इसके अलावा कंटेनर के आसपास सड़क पर गंदगी फैलने की शिकायत रहती है उसका भी स्थाई समाधान हाेगा। इससे शहरी सफाई व्यवस्था भी और सुधरेगी। कंटेनर हटने से लाेग कचरा ऑटाे टीपर मेें ही डालने की आदत में आएंगे।
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