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हज यात्रा के आवेदन का मंगलवार को अंतिम दिन था, लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों ने बहुत कम रुचि दिखाई। प्रदेश में हर साल औसतन 15 हजार से ज्यादा आवेदन आते हैं, लेकिन इस बार महज 1549 ने ही आवेदन किया है।
उदयपुर से 450 तक आवेदन होते थे लेकिन अब सिर्फ 95 ही मिले। ये हालात तब हैं, जबकि कम आवेदन को देखते हुए इसकी तारीख भी 10 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी की गई थी। इसके अलावा एक साल के गेप के बाद यह यात्रा हो रही थी। हज के लिए प्रदेश का पांच हजार तथा उदयपुर का 125 यात्रियों का कोटा है। कोटे की तुलना में प्रदेश में 31% तथा उदयपुर में 76% लोगों ने आवेदन किया।
तारीख बढ़ाने की सूचना नहीं : सीईओ
प्रदेश में 20 साल में पहली बार कोटे से इतने कम आवेदन मिले हैं। राज्य हज कमेटी के सीईओ डॉ. महमूद खान ने बताया कि आवेदन की तारीख बढ़ाए जाने को लेकर अभी सूचना नहीं है।
आवेदन कम आने के पीछे ये अहम कारण
1. इस बार 18 से 65 आयु वर्ग के लोगों को ही मौका, जबकि आवेदनों में सबसे ज्यादा संख्या बुजुर्गों व बच्चों की रहती है।
2. गर्भवतियों और गंभीर बीमार को मौका नहीं दिया गया।
3. 15 साल में पहली बार जयपुर की जगह दिल्ली से फ्लाइट।
4. पहले यात्रा खर्च 2.5 लाख था, इस बार 3.44 लाख।
5. खर्च के लिए हज कमेटी की ओर से पहले 40 हजार रु मिलते था। इस बार 28 हजार ही मिलेंगे।
6. यात्रा के लिए 40 दिन के बजाय 30 दिन ही मिलेंगे। इसमें भी 6 से 14 दिन क्वारेंटाइन में गुजारने होंगे।
7. चयनित होने के बाद पहली किश्त 81 हजार की बजाय 1.50 लाख जमा कराने होंगे।
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