नीट-पीजी की काउंसलिंग को लेकर चल रही रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल मंगलवार से और भी तेज हो गई। रेजीडेंट डॉक्टर्स ने अब इमरजेंसी सहित तमाम सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल पिछले 8 दिन से चल रही थी। रेजीडेंट डाॅक्टर्स ने पहले इमरजेंसी सेवाओं को अपनी हड़ताल से बाहर रखा था। मगर उनकी मांगों पर सरकारों का ध्यान नहीं जाने से अब रेजीडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल को और सख्त कर दिया है। मंगलवार काे रेजीडेंट डॉक्टर्स ने अस्पताल में किसी भी तरह की सेवाएं नहीं दी। इसके चलते मरीजों को परेशान होना पड़ा। इसी का असर ओपीडी पर भी देखने को मिला। आमतौर पर 2500 से ज्यादा रोगियों की रहने वाली रोजाना ओपीडी की संख्या काफी गिर गई।
नहीं हुए ऑपरेशन, इलेक्टिव सर्जरी भी नहीं
रेजीडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल के चलते सभी तरह की सेवाएं बंद होने का असर आरएनटी अस्पताल में होने वाले ऑपरेशन पर भी पड़ा। इलेक्टिव सर्जरी, आईसीयू ऑपरेशन थिएटर पर भी इनका असर पड़ा। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं के लिए सीनियर रेजीडेंट और फैकल्टी मेम्बर की सेवाएं ली गई। मगर इसका असर चिकित्सा सेवाओं पर पड़ा। मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सरकार ने नहीं सुनी तो सीनियर रेजीडेंट को भी शामिल करेंगे
सरकार अगर रेजीडेंट डॉक्टर्स की मांगें नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में रेजीडेंट डॉक्टर्स अपनी हड़ताल को और तेज कर सकते हैं। आरएनटी के रेजीडेंट डॉक्टर्स यूनियन के महासचिव डॉ. पीयूष ने बताया कि हमने पहले साधारण हड़ताल की थी मगर ना तो केंद्र सरकार ना ही प्रदेश सरकार सुन रही है। सरकारें अब भी नहीं सुनती है तो जल्द ही रेजीडेंट डॉक्टर्स को भी इसमें शामिल होने के लिए उनका समर्थन मांगा जाएगा।
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