आमतौर पर धारणा यह होती है कि गुमशुदगी के मामले में पुलिस ज्यादा कुछ नहीं कर पाती। मगर इस कहावत को सवीना थाने के एक पुलिसकर्मी ने गलत साबित किया है। सवीना थाने के पुलिसकर्मी भंवर लाल सालवी ने करीब 7 महीने पहले गुमशुदा हुए एक नाबालिग को अपने घर पहुंचाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इन 7 महीनों के दौरान भले ही उदयपुर के साथ ही अहमदाबाद और मध्यप्रदेश के कई जिलों में चला गया मगर पुलिस लगातार उसे ढूंढती रही थी। मूल रूप से बिहार के रहने वाले एक परिवार को 7 महीने बाद अपने परिवार से मिलाने के लिए भंवर लाल सालवी का योगदान वाकई में सराहनीय है।
दरअसल उदयपुर में मजदूरी का काम करने वाला एक बिहारी मजदूर का बेटा 7 महीनों पहले पढ़ने-लिखने की बात पर अपने पिता से नाराज होकर घर छोड़कर चला गया। जुलाई महीने में इस पर उसके पिता की रिपोर्ट पर सवीना थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने अलग-अलग जिलों से मिले इनपुट के बाद गुमशुदा नाबालिक की तलाश में अहमदाबाद के गीता मंदिर इलाके में हड़ताल की। नाबालिग अपने दोस्तों के उकसावे में आकर घर से दूर अलग-अलग होटलों पर काम कर रहा था। मंगलवार को एक इनपुट के आधार पर भंवर लाल गुमशुदा बालक को तलाशने के लिए एमपी के नीमच पहुंचे और वहां से उसे लेकर देर रात को उदयपुर पहुंचे। एक पिता को बेटे से मिलाने पर बुधवार को सब्जी मंडी स्टेशन के अध्यक्ष के पदाधिकारियों ने हेड कांस्टेबल भंवर लाल सालवी का स्वागत किया।
हेड कांस्टेबल भंवरलाल ने बताया कि लंबे वक्त से वह इस केस पर काम कर रहे थे। गरीब मजदूर की समस्या देखकर वह काफी मन से आहत हुए थे। उसके बाद से उन्होंने पूरी मदद का आश्वासन दिया था। लगातार सभी थानों से कॉर्डिनेट के बाद वह इस केस में फॉलोअप ले रहे थे।
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