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- Today In Shilpgram, The Foundation Of Multi storey Has Been Postponed, The Huts Have Not Been Removed, Today In The Governor City, The Place Of The Building May Change.
कायम रहे शिल्पग्राम का वजूद:शिल्पग्राम में आज मल्टी स्टोरी की नींव डलना टला, झाेपड़ियां भी नहीं हटी, आज राज्यपाल शहर में, बदल सकती है बिल्डिंग की जगह
- झोपड़ियों के बीच मल्टीस्टोरी बिल्डिंग क्याें? अगर बनानी ही है ताे दूसरी खाली जगह पर बनाएं
- शिल्पग्राम की परिकल्पना में ही आदिम संस्कृति और लोक कलाओं की सुगंध, इस विरासत से छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं हमारे समाज-संगठन
- भास्कर विकास का विरोधी नहीं। शिल्पग्राम में अगर कल्चरल कॉॅम्प्लेक्स बनाना ही है ताे मिट्टी और लकड़ी के लुक में ही बनाएं या जगह बदलें
शिल्पग्राम में 15 जुलाई काे तीन मंजिला मल्टी स्टोरी कल्चरल कॉॅम्प्लेक्स की नींव डलने का काम टल गया है। भास्कर द्वारा शिल्पग्राम में गांवों के कल्चरल कॉॅम्प्लेक्स बनाने की खबर ब्रेक करने और शिल्पग्राम का एहसास खत्म नहीं करने का मुद्दा उठाने के बाद उदयपुर के आदिवासी समाज, कांग्रेस-भाजपा के नेताओं और संगठनों के विरोध के चलते शिल्पग्राम में पिछले तीन दिन से कोई काम हुआ और न ही झाेपड़ियां हटाई गईं। गुरुवार काे राज्यपाल कलराज मिश्र भी शहर में रहेंगे, ऐसे में शिल्पग्राम में मल्टी स्टोरी की जगह बदलने काे लेकर बड़ा फैसला हाे सकता है। इधर, बुधवार काे समाज और संगठनों ने भी मल्टी स्टोरी के विरोध में कलेक्टर काे ज्ञापन साैंपे।
पीएम, सीएम और राज्यपाल के नाम ज्ञापन में संस्था-संगठनों ने जताया ऐतराज
- एआईसीसी सदस्य डॉ. विवेक कटारा व गिर्वा प्रधान सज्जन कटारा ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन साैंपा। कहा कि ग्रामीण नई पीढ़ी को कला-संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए बने परिसर काे सीमेंट-कंकरीट के जंगल नहीं बनाया जाए। ओनारसिंह सिसोदिया, बड़ी सरपंच मदन पंडित, पार्षद प्रमोद मेनारिया आदि मौजूद थे।
- क्षत्रिय महासभा ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री के नाम ज्ञापन साैंपा। जिलाध्यक्ष यादवेंद्रसिंह रलावता ने बताया कि शिल्पग्राम के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। शिल्पग्राम में पेड़ काटे गए। आदिवासी संस्कृति की पहचान जनजाति संग्रहालय को तोड़ा जा रहा है। शिवसेना देहात प्रभारी भानुप्रतापसिंह थाणा, रिपुदमनसिंह राठौड़ आदि मौजूद थे।
- जिला शहर कांग्रेस ने सीएम और संस्कृति मंत्री काे पत्र लिखा। दीपक सुखाड़िया ने बताया कि आधुनिकता से बचाए रखने के लिए शिल्पग्राम में कॉॅम्प्लेक्स का निर्माण नहीं हाेना चाहिए।
- बजरंग सेना मेवाड़ की बैठक में संस्थापक कमलेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि मेवाड़ त्याग, तपस्या, बलिदान की भूमि है, जहां पर महाराणा प्रताप के परम सहयोगी भीलू राणा की यादें समाई हुई हैं। ऐसे में आदिवासी समाज की झोपड़ियों को उखाड़ कर बहुमंजिला इमारतों का संगठन के सदस्य विरोध करते हैं।
झाड़ोल के भाजपा विधायक खराड़ी बोले- आदिवासी समाज की संस्कृति खत्म नहीं होने देंगे
झाड़ाेल में दाे बार से भाजपा विधायक बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि ऐसे कल्चरल का क्या फायदा जाे हमारी जड़े काटने के लिए बन रहा हाे। आदिवासी संस्कृति काे मिटाना चाहता हाे। जाे चीजें बनी हुई हैं, उन्हें हटाकर दूसरी चीजें बनाई जाएंगी ताे हमारा आदिवासी भाई कहां जाकर हमारी संस्कृति देखेगा। यह गलत है। सरकार की नीतियां ठीक नहीं हैं। इन्हें आदिवासी समाज की संस्कृति काे उजाड़ने की बजाय बढ़ावा देने का काम करना चाहिए। प्राकृतिक चीजों से लाेगाें का जुड़ाव हाेता है। कितनी भी बड़ी इमारत बना दाे, उससे भावनात्मक जुड़ाव नहीं हाेता है। इस ऐेतिहासिक जगह काे खत्म नहीं होने देंगे। पुरजोर विरोध करेंगे। कॉॅम्प्लेक्स काे ही बनने नहीं देंगे। इस मुद्दे पर विधानसभा में लड़ाई लड़ेंगे।