पूर्व राजपरिवार के लक्ष्यराज का उप राष्ट्रपति ने किया सम्मान:दिल्ली में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार मिला, 17 से ज्यादा होटलों को सुधारा

उदयपुर6 महीने पहले

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और चर्चित होटेलियर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार-2018-19 समारोह में पुरस्कार से नवाजा गया है। विश्व पर्यटन दिवस पर दिल्ली में हुए समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड और केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्‌डी ने उन्हें सम्मान दिया। मेवाड़ को यह पुरस्कार एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स की 17 से ज्यादा होटलों में जीवंत विरासत के संरक्षण, संवर्धन और उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया हैं। हैरिटेज होटल की श्रेणी में शिकारवाड़ी और शिवनिवास पैलेस होटल के लिए सर्वश्रेष्ठ परफोमेन्स के लिए भी चुना गया। मेवाड़ इससे पहले साल 2017 में भी विश्व पर्यटन दिवस पर मेवाड़ को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा महिला स्वच्छता प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वेटर वितरण, भोजन वितरण और तीन लाख वस्त्रों का दान कर 6 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स स्थापित कर चुके हैं।

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को 2018 में यंग अचीवर फॉर प्रिजर्विंग हेरिटेज एवं प्रमोटिंग हॉस्पिटेलिटी के अवार्ड से भी नवाजा गया। उन्हें यह अवार्ड नई दिल्ली में हुए समारोह में होटलों के क्षेत्र में विश्व स्तर पर कार्य करने वाली संस्थान बीडब्ल्यू बिजनेस वर्ल्ड ने दिया था। एचआरएच समूह के कार्यकारी निदेशक लक्ष्यराज सिंह कार्यशैली और वर्ल्ड फेमस यूथ आईकॉन भी हैं। मेवाड़ को तीन साल पूर्व ब्रिटिश पार्लियामेंट में भारत गौरव सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को राज्यपाल कलराज मिश्र के हाथों 'राजस्थान गौरव अलंकरण से जयपुर में नवाजा है। किक्रेट से जुड़ाव के चलते वे राजस्थान किक्रेट एसोसिएशन से भी जुडे़ रहे। वे आरसीए के उदयपुर के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। राजस्थान में आज भी लोग लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को राजकुमार कहकर बुलाते हैं।

शाही राजघराने के पूर्व महाराज अरविंद सिंह महाराणा प्रताप के वंशज हैं। उनके बाद लक्ष्यराजसिंह भी समाज सेवा में एक्टिव रहते हैं। लक्ष्यराज सिंह पिछले चार वर्षों के भीतर समाज सेवा में 6 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल कर चुके हैं।

करियर की शुरूआत में मेवाड़ यंग अचीवर फॉर प्रिजर्विंग हेरिटेज एंड प्रमोटिंग हॉस्पिटेलिटी अवार्ड भी नवाजे जा चुके हैं। लक्ष्यराज ने शुरुआती पढ़ाई अजमेर के मेयो कॉलेज से की थी। ऑस्ट्रेलिया से ग्रेजुएशन और सिंगापुर में हॉस्पिटेलिटी कोर्स के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ही कई होटलों और कैफे में काम का अनुभव हासिल किया। उदयपुर लौटने के बाद फैमिली बिजनेस को लगातार बढ़ा रहे हैं।

जानिए उनके रिकॉर्ड्स
रिकॉर्ड-1 : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मार्च 2019 को भी जरूरतमंदों को तीन लाख वस्त्रों का दानकर पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया था। एकत्रित किए तीन लाख कपड़ों को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, ओमान, श्रीलंका, यूएई सहित अन्य देशों के 80 शहरों से एकत्रित कर जरूतमंदों तक पहुंचाया। उदयपुर की बड़ी होटल चेन के मालिक होने के कारण वे अक्सर पेज 3 पार्टीज का हिस्सा बनते रहते हैं और कई सेलेब्रिटीज व क्रिकेटर्स के साथ दिखते हैं। पीएम मोदी भी उदयपुर के दौरे में मेवाड़ राजघराने के सदस्यों से मिल चुके हैं। लक्ष्यराज एक बार मेयो की तरफ से यूरोपीय देश में क्रिकेट खेल रहे थे। तब उन्होंने वहां का एक 40 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था।

रिकॉर्ड-2 : मार्च 2019 को 24 घंटे में 20 टन से ज्यादा स्टेशनरी छात्र-छात्रों में वितरित कर दूसरा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने उदयपुर संभाग में एक महीने तक शिक्षा प्रोत्साहन कैंपेन चलाकर सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को किताब, कॉपी-पेन-पेंसिल, कलर्स बुक, बुक्स आदि शिक्षण सामग्री वितरित की।

रिकॉर्ड-3 : जनवरी 2020 को महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से 20 सेकेंड में 4035 पौधे लगाकर तीसरा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया। सिटी पैलेस के माणक चौक में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने अमलतास, गुलमोहर, सहजन व केशिया श्याम वृक्षों के 4035 पौधों को 20 सेकेंड में लगाया गया।

रिकॉर्ड-4 : लक्ष्यराज सिंह ने जनवरी 2021 को मात्र एक घंटे में महिला स्वच्छता प्रबंधन से जुड़े 12 हजार 508 स्वच्छता प्रोडक्ट बांटकर चौथा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। कोरोना महामारी के दौरान स्वच्छता और महिला माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की अलख जगाने के लिए साढ़े बारह हजार से ज्यादा सेनेट्री पेड, हैंड सेनेटाइजर, साबुन, टूथब्रश जैसे प्रोडक्ट्स दान किए।

उड़ीसा की राजकुमारी से हुआ विवाह
मेवाड़ राजघराने के परिवार में 37 साल बाद 21 जनवरी 2014 को शाही सिटी पैलेस में नई बहू ने कदम रखा था। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की शादी उड़ीसा की राजकुमारी निवृति सिंह देव के साथ हुई। इससे पहले इनके पिता अरविंद सिंह मेवाड़ विजिया राज कुमारी को ब्याह कर लाए थे। हालांकि इससे पहले लक्ष्यराज की 2 बहनों का विवाह हुआ था।

लक्ष्यराज सिंह की पत्नी निवृति कुमारी उड़ीसा के बालांगीर घराने के कनकवर्धन सिंह देव और संगीता सिंह की इकलौती बेटी हैं। उन्होंने भी दिल्ली में कान्वेंट स्कूल में पढ़ने के बाद स्विट्जरलैंड में हॉस्पिटेलिटी, फाइनेंस व रेवन्यू मैनेजमेंट में उच्च शिक्षा हासिल की। वर्ष 2010 में भारत लौटकर होटल ताज में बतौर सलाहकार काम किया। उनकी माता संगीता सिंह भी दो बार सांसद रही हैं। लक्ष्यराज सिंह और निवृति कुमारी के कुल 3 बच्चे है, जिसमें दो बेटियां और एक छोटा बेटा हैं। वहीं लक्ष्यराजसिंह की दो बहने भी हैं। जिनकी शादियां हो चुकी हैं।

  • मेवाड़ राजघराने के लक्ष्यराज का जन्म 28 जनवरी 1985 में हुआ।
  • लक्ष्यराज की शुरुआती पढ़ाई अजमेर के मेयो कॉलेज से पूरी हुई, जिसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के एक कॉलेज से ग्रैजुएशन पूरा किया और हॉस्पिटेलिटी का कोर्स करने सिंगापुर चले गए।
  • पढ़ाई पूरी होने के बाद लक्ष्यराज ने अपना करियर एक वेटर के तौर पर शुरू किया। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कई होटल्स और कैफे में काम किया।
  • इसके बाद वे उदयपुर लौट आए और अपने फैमिली बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए काम करने लगे। अब वे एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं।
  • गाड़ियों के शौकीन लक्ष्यराज अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। अपने पिता की ही तरह वे भी बड़े-बड़े इवेंट्स को अटेंड करते दिखाई देते हैं। वे बॉलीवुड और राजघरानों की पेज 3 पार्टियों और शादियों में नजर आते हैं।
  • साथ ही, वे मोटर-स्पोर्ट्स से जुड़े इवेंट्स को प्रमोट करते भी दिखते हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए अक्सर राजनीति और बॉलीवुड से जुड़े स्टार्स के साथ फोटो शेयर करते रहते हैं।

थार 700 कार की चाबी देने खुद आए थे आनंद महिन्द्रा
बता दें कि महिंद्रा थार 700 घरेलु बाजार में 2019 में उतारी थी। कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने खुद अपने हाथों से इस एसयूवी की चाबी लक्ष्यराज मेवाड़ को सौंपी। मेवाड़ को गाड़ी चाबी सौंपते की तस्वीर सामने आने के बाद मीडिया में एक चर्चा शुरू हो गई थी कि महिंद्रा एंड महिंद्रा की ओर से यह नई कार मेवाड़ राजकुमार लक्ष्यराज सिंह को बतौर तोहफा भेंट की गई है। इस पर खुद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि उदयपुर ​प्रिंस ने गाड़ी की पूरी कीमत चुकाई हैं। उन्हें तोहफे के लिए मेरी जरूरत नहीं है।