उदयपुर पुलिस ने एक कॉम्प्लेक्स में चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारकर 3 युवतियों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर में इंटरनेट कालिंग की मदद से अमेरिकी नागरिकों को डरा-धमकाकर ठगा जा रहा था। राजस्थान के आबू रोड निवासी एक युवक को छोड़कर बाकी सब आरोपी मुंबई के रहने वाले हैं। जो सभी 14-15 हजार में उदयपुर में जॉब करते थे। ये सभी युवक-युवतियां मुंबई में बैठे मास्टरमाइंड के भेजे गए नम्बर पर मैसेज और कॉल कर लोगों को डरा-धमकाकर वसूली कर रहे थे।
देर रात सड़क पर घूमते देख हुआ शक
गोवर्धन विलास थानाधिकारी चैलसिंह ने बताया कि देर रात वे गश्त पर थे। अम्बर कॉम्प्लेक्स के बाहर कुछ युवक-युवती घूमते नजर आए। पुलिस ने उन पर निगरानी रखकर कॉम्प्लेक्स में जाकर चैक किया तो एक हॉल में कॉल सेंटर चल रहा था। कंप्यूटर चालू कर सभी लोग फोन पर बात कर रहे थे। पूछताछ में सामने आया कि सभी लोग 14-15 हजार प्रति माह की सेलेरी में इस कॉल सेंटर में जॉब करते है। मुंबई निवासी मास्टर माइंड जीवन वानखेड़े के इशारे पर आबूरोड निवासी तरुण मिश्रा ये कॉल सेंटर चला रहा था। जीवन रोजाना अमेरिकी नागरिकों का डाटा भेजता और उसके बाद ये युवक-युवतियां उन्हें मैसेज और कॉल कर डराकर वसूली करते।
अमेरिकी नागरिकों को कोर्ट केस की धमकी दे रहे थे
थानाधिकारी सिंह ने बताया कि पहले आरोपी अमेरिकी नागरिकों को मैसेज और कॉलिंग करते। फिर उन्हें कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट का हवाला देकर ऑर्डर पेंडिंग होने की बात कहते। आर्डर नहीं निपटाने पर उनकी सीआर खराब करने की धमकी देते। अपने किसी अन्य साथी को लीगल टीम का मेंबर बताकर बात करवाते। वो भी कानूनी कार्रवाई और कोर्ट में केस की धमकी देता। इसके बाद फाइनल सेटलमेंट के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से वसूली की जाती।
बिटकॉइन के रूप में मंगवाते 100 से 200 डॉलर
अमेरिकी नागरिकों से 100 या 200 डॉलर बिटकॉइन के रूप में मास्टरमाइंड जीवन के खाते में मंगवाए जाते। पुलिस ने सेंटर से 11 कंप्यूटर भी जब्त किए हैं। मुख्य आरोपी जीवन की गिरफ्तारी के बाद ही यह पता चल सकेगा कि कहीं देश में और भी कहीं ऐसे कॉल सेंटर का संचालन तो नहीं किया जा रहा था।
हर दिन 1.5 से 2 लाख तक का ट्रांजेक्शन
पूछताछ में सामने आया है कि रोजाना इस सेंटर से करीब 1.5 लाख से 2 लाख का ट्रांजेक्शन होता था। सेंटर पर काम करने वाले कई लोग तो मुख्य संचालक का नाम तक नहीं जानते है। तरुण ही इनसे काम करवाता था। दरअसल अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने के पीछे वहां के ज्यादातर लोगों का ऑनलाइन अकाउंट होना और डिजिटल ट्रांजेक्शन पर ज्यादा भरोसा करना भी है। फिलहाल सभी से पूछताछ जारी है। मामले की जांच नाई थानाधिकारी साबिर खां को सौंपी गई है। पुलिस की एक टीम जल्द ही मास्टरमाइंड जीवन वानखेड़े की गिरफ्तारी के लिए मुंबई जा सकती है।
इससे पहले भी दो बार हो चुकी कार्रवाई!
अगस्त 2021 में अंबामाता थाना पुलिस ने लोयरा क्षेत्र में एक होटल में दबिश देकर कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था। उस दौरान 2 युवतियों सहित 20 लोगो को गिरफ्तार किया गया। आरोपी सैंकड़ों अमरीकियों से करोड़ों डॉलर ठग चुके थे। अप्रैल 2019 में भूपालपुरा पुलिस ने बीएन कॉलेज के सामने एक सेंटर से 24 लोगो को पकड़ा था। वे सभी पूर्वोत्तर के रहने वाले थे। ये आरोपी अमेरिका के सामाजिक सुरक्षा प्रशासनिक विभाग के अधिकारी बनकर टैक्स पे कार्ड अपडेट करने के नाम पर वसूल करते थे।
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