बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर चल रहे नॉन इंटरलॉकिंग काम के दौरान हुए हादसे में एक रेलवे अफसर की मौत हो गई। वे उदयपुर के रहने वाले थे। उन्होंने सेंट पॉल स्कूल से पढ़ाई की थी। 30 वर्षीय यादवेन्द्र सिंह भाटी के निधन की खबर मिलते ही उनके परिजनों और दोस्तों में शोक की लहर है। यादवेन्द्र के माता-पिता 10 दिन पहले ही उनसे मिलने जबलपुर गए थे। तब से वे वही थे। हादसे के पीछे परिजनों ने वरिष्ठ अफसरों पर बेवजह यादवेन्द्र को मानसिक परेशान करने के आरोप भी लगाए।
जानकारी के अनुसार करजाली काम्पलेक्स न्यू सरदारपुरा निवासी यादवेन्द्र भाटी ने 2017 में आईएएस की परीक्षा दी दी थी। इसके बाद 2018 में उनका आईआरटीएस में चयन हुआ। वे छतीसगढ़ कैडर में थे। वे बैकुंठपुर में क्षेत्रीय प्रबंधक थे। उनके पिता मोहनसिंह भाटी ग्राम सेवक के पद से रिटायर्ड थे। उनकी मां रंजना भाटी जिला परिषद् में एसीईओ के पीए रह चुकी हैं। यादवेन्द्र उनके माता-पिता की एकाएक संतान थे। उनके कोई भाई-बहन नहीं था।
क्या था पूरा मामला
अनूपपुर और शहडोल के बीच तीसरी रेल लाइन के लिए 17 जून से 26 जून तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है। गुरुवार को यहां काम के दौरान शाम करीब 7.30 अमलाई आरआरआई केबिन के पर एक पटरी पर मालगाड़ी और दूसरी पर कटनी-बिलासपुर मेमू ट्रेन आ गई। ट्रेन आता देख सभी कर्मचारी और मजदूर रेलवे लाइन के किनारे हो गए। ट्रेन गुजरने के बाद ARM भाटी को दोनों ट्रैक के बीच में घायल पड़े देखा गया। अस्पताल में उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
ARM यादवेन्द्र सिंह भाटी की पत्नी भी रेलवे में हैं। वे जबलपुर में असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। कुछ माह पहले ही उनकी शादी हुई थी। भाटी की मौसी और उनके बेटे अमित भी उदयपुर से शनिवार को जबलपुर पहुंचेंगे।
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