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जिले में धमोतर, दलोट और सुहागपुरा की तीन पंचायत समितियों का तोहफा मिले करीब 1 साल का समय हो रहा है। करीब 2 महीने पहले यहां पर चुनाव होकर प्रधान भी चुन लिए गए। लेकिन यहां के ताजा हालात यह हैं कि ग्रामीणों को छोटे से छोटे काम के लिए आज भी पुरानी पंचायत समितियों के चक्कर ही निकालने पड़ रहे हैं।
तीनों पंचायत समितियाें में कांग्रेस के प्रधान हैं। दलोट के प्रधान ने तो हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन की है। राज्य से लेकर ग्रामीण स्तर तक कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद यहां विकास अभी दूर है। धमोतर पंचायत का उद्घाटन 26 फरवरी को किया गया था, लेकिन तब से अब तक यहां ताला ही लगा हुआ है। लोगों के लिए आज भी पंचायत समिति का स्थान यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ ही है।
कुछ ऐसे ही हालात दलोट के भी हैं। यहां तो पीने के पानी के लिए रोजाना काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। साफ-सफाई का अभाव है, यहां तक की उप तहसील के भवन में ही यह पंचायत समिति सिमट कर रह गई है। कार्मिक तो हैं, लेकिन कई पद खाली पड़े हैं।
यहां के लोगों को आज भी अरनोद जाना पड़ता है। सुहागपुरा में भी पंचायत समिति केवल नाम की ही है। यहां नरेगा के अलावा हर छोटे-बड़े काम को भी करवाने के लिए लोगों को 30 किलोमीटर का सफर करके पीपलखूंट जाना पड़ता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना हो या जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, हर छोटे बड़े काम के लिए 30 से 40 किलोमीटर का सफर
धमोतर पंचायत समिति
यहां पर खाली पड़ी प्राथमिक स्कूल में 26 फरवरी को कांग्रेस से प्रधान अमरी बाई मीणा, उप प्रधान केसरी बाई मीणा के नेतृत्व में उद्घाटन का कार्यक्रम हुआ था। पंचायत के लिए खुद का भवन नहीं होने के चलते स्कूल में ही इसे संचालित किया जाना है यहां पर जॉब कार्ड संबंधी काम करवाने के लिए पहुंचे रामलाल मीणा और कैलाश मीणा ने बताया कि पिछले 1 महीने से लगातार पंचायत समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन पंचायत समिति पर ताला ही मिलता है।
मैंने अभी 19 मार्च को ही ज्वाइन किया है। स्टाफ की कमी के कारण कार्य करने में परेशानी होती है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया है। जल्दी समस्या का निस्तारण हो जाएगा।
-श्यामलाल, बीडीओ, धमोतर।
दलोट पंचायत समिति
मार्च में ही बीडीओ, 3 कनिष्ठ सहायक प्रकाश, गोवर्धन, बाबूलाल, नानूराम लेखाकार एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी लगाया। अनिल कुमार जैन वरिष्ठ सहायक पहले से ही कार्यरत हैं। लेकिन वर्तमान में अभी यहां पर करीब 40% पद रिक्त चल रहे हैं। पंचायत समिति, दलोट उप तहसील के प्रथम तल में चल रही है। यहां सबसे बड़ी समस्या पानी और सफाई की है। दलोट प्रधान श्यामा मीणा ने बताया कि पानी की कमी के कारण स्टाफ शौचालय का उपयोग तक नहीं कर पाता है।
कुछ विकास तथा स्टाफ की सैलरी का पैसा आया है। अब कार्य धीरे-धीरे प्रारंभ हो जाएगा। भवन में पानी की बहुत कमी है। वर्तमान में पीने का पानी कैंपर से मंगाया जा रहा है। लेकिन सफाई और शौचालय का कार्य अटक जाता है। -लक्ष्मी लाल यादव, बीडीओ, दलोट।
सुहागपुरा पंचायत समिति
यह भी पुराने उप तहसील भवन में ही संचालित हो रही है। यहां पर सिर्फ नरेगा का काम हो पाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना हो या जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र
सभी काम के लिए आज भी यहां के लोगों को पीपलखूंट पंचायत समिति ही जाना पड़ता है। सुहागपुरा निवासी रमेश निनामा ने बताया कि पुत्री के जन्म का प्रमाण पत्र लेने के लिए पीपलखूंट ही जाना पड़ा।
अभी सप्ताह भर पहले ही नरेगा की आईडी मिली है। इसके अलावा बाकी सभी कार्य यहां पर शुरू नहीं हो पाए, स्टाफ की कमी से भी जूझ रहे हैं।
-रमेश खटीक, बीडीओ, सुहागपुरा।
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