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गुरुवार को शुरू हुआ इस साल का पहला गुरु पुष्य योग शुक्रवार को खत्म हो गया। गुरुवार को पूरे दिन व रात योग बना रहा। ये साल का पहला गुरु पुष्य योग रहा। इसके बाद गुरु पुष्य योग अब 25 फरवरी को भी है लेकिन दोपहर 1.15 पर खत्म हो जाएगा। ज्योतिषियों का मत है कि गुरु पुष्य संयोग होने से खरीद-फरोख्त और पूजा-पाठ के लिए ये दिन शुभ और मंगलकारी रहेगा।
इस दिन पौष महीने की शाकंभरी पूर्णिमा भी रहेगी। इस पर्व पर तीर्थ-स्नान और दान करने से अक्षय फल मिलेगा। कुल 27 नक्षत्रों में पुष्य को सर्वाधिक शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र को तिष्य और अमरेज्य के नाम से भी जाना जाता है। तिष्य का मतलब शुभ-मांगलिक और अमरेज्य का मतलब देवताओं द्वारा पूजित होना है। गुरु पुष्य संयोग साल में 3 या 4 बार ही बनता है। इस साल 28 जनवरी के बाद ये संयोग 25 फरवरी को फिर बनेगा। लेकिन दोपहर करीब 1.15 तक ही रहेगा। इसके बाद दीपावली के पहले 28 अक्टूबर को पूरे दिन और 25 नवंबर को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ये शुभ संयोग बना रहेगा।
पहले गुरुपुष्य के साथ था पूर्णिमा का भी संयाेग
पंडित अशोक शास्त्री ने बताया कि इस साल पहला गुरु पुष्य पूर्णिमा काे हाेने के कारण लाेगाें ने दान पुण्य किए। पौष महीने की पूर्णिमा और पुष्य नक्षत्र होना शुभ माना जाता है। इस दिन शुभ काम करने के साथ ही खरीद-फरोख्त करना भी मंगलकारी होता है। इस शुभ योग में भूमि, भवन और वाहन खरीदी के साथ ही नया कारोबार शुभ माना जाता है। इसके अलावा अन्य मांगलिक कार्यों के लिए भी इस दिन को बेहद शुभ माना गया है गृह प्रवेश और अन्य आयोजन भी किया जाता है।
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