राजसमंद के कतरवास में छोटे भाई की बिंदोली में नाचते-नाचते बड़े भाई की मौत हो गई थी, सोमवार को उसको अंतिम संस्कार किया गया था। इसके बाद मंगलवार को गमगीन माहौल में छोटे भाई की शादी की रस्में पूरी की गई। दूल्हा अपने दो दोस्त और दो रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर पहुंचा। जहां सादगी से शादी की रस्में निभाई गई। लड़की वालों ने बिना बैंड-बाजों के शादी के कार्यक्रम पूरे करवाए।
फेरे लेने के दौरान रो पड़ा दूल्हा
सगे बड़े भाई की मौत के एक दिन बाद छोटे भाई की शादी हुई। करतवास गांव से बरात मंगलवार सुबह भीलवाड़ा जिले के खाखर माला गांव पहुंची। बारात में दूल्हे शंभू गुर्जर के साथ उसके दो दोस्त और दो रिश्तेदार मौजूद थे। दूल्हे को दोस्तों ने समझाइश कर तैयार किया और फेरों के लिए ले गए। जहां वधू पक्ष की ओर से सादगी के साथ विवाह की रस्में निभाई गई। दूल्हा फेरे लेने के दौरान रो पड़ा, जिसे रिश्तेदारों ने ढांढस बंधाया।
बता दें कि रविवार रात को 12.30 बजे करतवास गांव में दूल्हा शंभू गुर्जर और उसकी दो बहन गणेशी और श्यामु की बिंदोली निकाली जा रही थी। बिंदोली में नाचते-नाचते दूल्हा-दूल्हनों के बड़े भाई नारायणलाल गुर्जर की मौत हो गई और शादी की खुशियां मातम में बदल गई। मृतक की बहनों गणेशी और श्यामु की शादी 11 दिसंबर को होनी है।
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