भाजपा ने शनिवार दोपहर आगरा की सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। आगरा के पांच सीटिंग विधायकों का टिकट कटा है। टिकट कटने से विधायकों के समर्थक नाराज हैं। विधायक को आवास पर सुबह से ही समर्थकों का जमावड़ा लगने लगा। वहीं आज कई स्थानों पर समर्थकों ने बैठकें भी की हैं। बैठक के बाद ही आगे की रणनीति का निर्णय लिया जाएगा। वहीं राज मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने अपना फोन नंबर ही स्विच ऑफ कर लिया। वहीं कई नेताओं ने टिकट कटने पर दैनिक भास्कर से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
टिकट कट रही है, पहले से ही पता था : राम प्रताप चौहान
निवर्तमान विधायक रामप्रताप चौहान ने टिकट कटने पर पार्टी से शिकायत को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उन्होंने कहा कि जब पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह पार्टी में शामिल हुए थे तभी से उनको अंदाजा था कि टिकट कट सकती है। चौहान ने कहा कि आगे क्या रणनीति रहेगी, इसको लेकर अभी कोई कमेंट नहीं करूंगा। समर्थकों के फोन आ रहे हैं। सोच समझकर ही अगला कदम उठाएंगे। वहीं, दो दिन पहले रामप्रताप के समर्थकों ने ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर हंगामा किया था। खुद रामप्रताप ने पार्टी पदाधिकारियों से धर्मपाल सिंह को पार्टी में लेने पर नाराजगी जताई थी।
संगठन के साथ हूं, साथ रहूंगा : महेश गोयल
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक महेश गोयल का भी टिकट कटा है। निवर्तमान विधायक महेश गोयल ने कहा कि संगठन से उनकी कोई शिकायत नहीं है। वह संगठन के साथ हैं और आगे भी संगठन के साथ रहेंगे।
समर्थक बुलाए हैं, सबके साथ मिल कर लेंगे फैसला : जितेंद्र वर्मा
फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा का भी टिकट काट दिया गया है। टिकट कटने पर विधायक वर्मा काफी मायूस दिखे। उनके साथ उनके समर्थकों में भी घोर निराशा थी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी मुझे कोई आश्वासन नहीं दिया है और न ही मैं पार्टी को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहता हूं। फिलहाल मैंने समर्थकों को बुलाया है, सबके साथ विचार-विमर्श कर आगे का फैसला लूंगा। बता दें कि 2017 में जितेंद्र वर्मा सपा से भाजपा में शामिल हुए थे। इस बार उनका टिकट काट दिया गया है।
विधायक हेमलता ने बुलाई समर्थकों की बैठक
आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाहा का भी भाजपा ने टिकट काट दिया है। टिकट काटे जाने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। दोपहर बाद उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि हेमलता दिवाकर को 2017 में सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन अंतिम समय पर भाजपा ने उन्हें ग्रामीण विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ाया था।
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