आगरा के वरिष्ठ चिकित्सक को धौलपुर और आगरा पुलिस ने चंबल के बीहड़ से सकुशल मुक्त करा लिया है। लेकिन, डाक्टर की बरामदगी में सबसे अहम रोल धौलपुर के निहालगंज थाने के हेड कांस्टेबल दयाल चंद का रहा। उन्होंने रात में चेकिंग के दौरान किडनैप हुए डाॅक्टर की कार और उसके ले जा रहे एक बदमाश को पकड़ा था। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने किडनैपिंग की सूत्रधार मानी जा रही युवती को भी पकड़ लिया। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ही डाक्टर की सकुशल बरामदगी का रास्ता साफ हुआ।
पांच हजार रुपये दिए तो कांस्टेबल काे हुआ शक
डाक्टर के दो अपहर्ताओं को पकड़ने वाले हेड कांस्टेबल दयाल चंद ने दैनिक भास्कर को बताया कि मंगलवार रात को धौलपुर सिटी में अपने दो और साथियों के साथ गश्त पर थे। रात करीब एक बजे उनकी गाड़ी को एक नीले रंग की कार ने ओवर टेक किया। उन्होंने देखा कि कार में एक 24 साल का लड़का है तो उन्होंने कार के आगे अपनी गाड़ी लगा दी। जब कार चालक से पूछताछ की तो वो घबरा गया। उसने पुलिस को बताया कि वो डाक्टर का ड्राइवर है और किसी काम से यहां आया है। जब उससे डाक्टर से बात कराने को कहा तो उसने 500 रुपये का नोट दिया। मना करने पर उसने एक हजार रुपये दिए बाद में पांच हजार रुपये देने लगा। तब उन्हें शक हुआ कि यह आदमी गलत है। ऐसे में वो उसे गाड़ी सहित निहालगंज थाने ले आए।
ढाई बजे पकड़ में आई युवती
हेड कांस्टेबल दयाल चंद ने बताया कि युवक से थाने में पूछताछ में उसने डाक्टर की किडनैपिंग की बात बता दी थी। इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दी गई थी। इसके बाद वो फिर से शहर में राउंड पर निकले। करीब ढाई बजे उन्हें एक बाइक पर युवती और एक लड़का दिखाई दिया। उन्होंने उसे रोका तो युवक बाइक छोड़कर भाग खड़ा हुआ। युवती को उन्होंने पकड़ लिया। युवती से पूछताछ के लिए उन्होंने महिला कांस्टेबल को बुलाया। पूछताछ में युवती बार-बार अपने बयान बदल रही थी। ऐसे में उन्हें वो संदिग्ध लगी। उन्होंने बताया कि जो बदमाश बाइक छोड़कर भाग था,उसका फोन वहीं गिर गया था। बार-बार उस पर किसी की काल आ रही थी।
आवाज बदल कर की बात
हेड कांस्टेबल ने जब फोन पर आवाज बदल कर बात की तो दूसरी तरफ से आवाज आई कि कहां रह गया, जल्दी आ लड़की को ठिकाने लगाना है। फिर सुबह हो जाएगी तो दिक्कत हो जाएगी। इसके बाद उनका माथा ठनका। उन्होंने युवती से पूछताछ की तो उसने भी डाक्टर के अपहरण की बात कही। तब वो उस युवती को भी थाने लेकर पहुंचे। इसके बाद इन दोनों से पूछताछ के बाद ही पुलिस को डाक्टर को मुक्त कराने में सफलता मिली।
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