आगरा के थाना शाहगंज क्षेत्र के रहने वाले ठेकेदार द्वारा एमोजोन ऐप के कास्टमर केयर पर इ वॉयलेट में पैसे कम होने की शिकायत करने पर साइबर ठगों ने उसे बरगलाकर उसके एसबीआई बैंक के खाते से 9 लाख 35 हजार रुपये उड़ा लिए। पीड़ित का आरोप है की कंपनी के स्टॉफ के लोग साइबर ठगों से मिले हुए हैं।पीड़ित की तहरीर पर एसएसपी आगरा ने सायबर थाना को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक आगरा के थाना शाहगंज निवासी अब्दुल रउफ खान की एबी कंस्ट्रक्शन कंपनी है और वो इस कंपनी के जरिये कंस्ट्रक्शन के कामों की ठेकेदारी करते हैं। रउफ के अनुसार बीती 23 नवम्बर की शाम को उन्होंने एमोजोन वायलेट को चेक किया तो उसमें सिर्फ 1034 रुपये शो हो रहे थे, जबकि उनके अनुसार उसमें 20 हजार रुपये होने चाहिए थे।उन्होंने कस्टमर केयर नम्बर 180030009009 पर फोन कर शिकायत दर्ज कराई तो वहां कंपनी के प्रतिनिधि ने उनके पास तत्काल फोन आने की बात कही। इसके तुरंत बाद 8436620533 नम्बर से उनके पास कॉल आया और कॉलर ने उनसे खुद को एमोजोन कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए बात की और उनके वायलेट की सारी जानकारी उन्हें दी।
खाते में पैसे भेजने के नाम पर डाउनलोड कराई ऐप
अब्दुल रउफ के अनुसार कॉलर ने उनसे कहा कि आपका वॉयलेट का जो पैसा कटा है वो आपके पास खाते में भरजा जायेगा। उसने खाता चेक करने के लिए एनी डेस्क रिमोट ऐप डाउनलोड करवाई और फिर कुछ ही देर बाद उनके एसबीआई बैंक खाते से आठ लाख 85 हजार और 50 हजार रुपये दो अलग अलग खातों में ट्रांसफर हो गए।
पीड़ित ने कर्मचारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए
पीड़ित अब्दुल रउफ के अनुसार उन्होंने कंपनी के वैध कस्टमर केयर नम्बर पर बात की थी और हैकर को तत्काल इस बात की जानकारी और मेरे वायलेट की पूरी डिटेल कैसे मिल गयी। इसका साफ मतलब है कि कस्टमर केयर टीम में लोग हैकर्स से मिले हुए हैं। एसएसपी आगरा सुधीर कुमार के अनुसार मामला साइबर सेल को दिया गया है और जांच के बाद मुकदमा दर्ज करा जाएगा।
एक्सपर्ट का यह है कहना
आईटी एक्सपर्ट यश कुशवाह का कहना है की हैकर्स कई बार कंपनियों की वेबसाइट्स को हैक कर लेते हैं और लोगों से बात कर उन्हें उनकी डिटेल बता कर ऐप डाउनलोड करवाकर फोन रिमोट पर ले लेते हैं और उन्हें व्यक्ति के यूपीआई खाते की सारी जानकारी मिल जाती है। इस तरह का पैसा अगर डिजिटल मोड में रहता है तो रिकवरी आसानी से हो सकती है।
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