आगरा में अगर कोई गरीब व्यक्ति सरकारी इलाज के लिए कोशिश करना चाहता है तो उसे कांटों भरा सफर तय करने को भी तैयार होना पड़ेगा। यहां प्रसूताओं को बेड पर न चादर मिलती है और न ही नवजात को ठंड से बचाने के लिए कंबल उपलब्ध हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में जाने के लिए भी मरीजों को दिक्कत होती है।
यह बातें आगरा में तीमारदारों ने ही बताई हैं। यहां लेडी लायल हॉस्पिटल में जनरल वार्ड में प्रसूताओं को न बेड पर चादर मिलती है और न ही नए जन्मे नवजात को ओढ़ने के लिए कंबल ही मिल पता है। पहले से अव्यवस्थाओं के जानकार परिजन खुद ही बिछाने को दरी या चादर और ओढ़ने को कंबल लेकर आते हैं। जो तीमारदार जानकारी नहीं रखते हैं। उन्हें अलग से व्यवस्था करनी पड़ती है। ऐसे में जानमाल का नुकसान होने की जिम्मेदारी किसकी है, ये बताने वाला कोई नहीं है।
बता दें कि आगरा के एक तीमारदार ने जिला महिला चिकित्सालय की पोल खोलते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है। पुष्ट सूत्रों की माने तो वीडियो मंगलवार का है। वीडियो में जनरल वार्ड में प्रसूताएं बिना चादर और कम्बल बेड पर हैं और साथ ही कुछ प्रसूता है अपने लाए हुए कंबल और चादर का इस्तेमाल कर अपने मासूम नवजात की जान बचाने के प्रयास में जुटी हैं। पूरे मामले में प्रसूताओं और उनके परिजनों ने बताया है कि यहां चादर और कम्बल किसी को नहीं दिए जाते हैं, जबकि सरकार रोज चादर बदलने और कम्बल की व्यवस्था के आदेश दे चुकी है। यह लाखों का घोटाला है। पूरे मामले पर सीएमएस पंकज कुमार से बातचीत का प्रयास किया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
एसएन मेडिकल कॉलेज ओपीडी के बाहर सड़क पर गहरा गड्ढा
एसएन मेडिकल कालेज में रोजाना ओपीडी में हजारों मरीज आते हैं। सोमवार को यहां पाइप लाइन की मरम्मत हुई और कुछ ही देर बाद वहां गहरा गड्ढा बना दिया गया। परिजनों को काफी मेहनत और जोखिम उठा कर इलाज के लिए आना पड़ा। पूरे मामले में सीएमओ अरुण कुमार ने कहा कि पूरी जानकारी करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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