आगरा की पहली महिला मेयर से लेकर राज्यपाल तक बनीं:15 साल बाद बेबी रानी लड़ेंगी विधानसभा चुनाव, 2007 में मिली थी हार, रोचक है राजनीतिक सफर

आगराएक वर्ष पहले
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बीजेपी ने उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया है। - Dainik Bhaskar
बीजेपी ने उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। आगरा में पांच सीटों पर भाजपा ने अपने विधायकों के टिकट काट दिए हैं और पांच नए चेहरों पर दांव लगाया है। पार्टी की ओर से उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया गया है। बता दें कि बेबी रानी मौर्य इससे पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। लेकिन, उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। बेबी रानी मौर्य आगरा से मेयर भी रह चुकी हैं।

एत्मादपुर विधानसभा से लड़ा था चुनाव
उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य ने पिछले साल 8 सितंबर को राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से उनके सक्रिय राजनीति में वापसी और चुनाव लड़ने के कयास लग रहे थे। भाजपा ने बेबी रानी को संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी पहले ही सौंप दी थी। पार्टी की ओर से उन्हें दलित चेहरे के रूप में चुनाव प्रचार के लिए जिम्मेदारी देने की बात कही जा रही थी। इसके बाद कयास लग रहे थे कि वो आगरा से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। इस कयास पर शनिवार को पार्टी की ओर से मोहर लगा दी गई। उन्हें आगरा ग्रामीण सीट से विधायक हेमलता दिवाकर के स्थान पर टिकट दिया गया है। इससे पहले बेबी रानी मौर्या भाजपा की टिकट पर पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। वर्ष 2007 में बेबी रानी मौर्य ने एत्मादपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

1995 में बनीं थीं आगरा की पहली महिला मेयर
बेबी रानी मौर्य राज्यपाल बनने से पहले भी सक्रिय राजनीति में रह चुकी हैं। वह 1995 में भाजपा में शामिल हुई थीं। उसी वर्ष उन्हें भाजपा से मेयर पद का प्रत्याशी बनाया गया था। चुनाव जीतकर वह आगरा की पहली महिला मेयर बनीं थीं। इसके अलावा भाजपा में वह 1997 में राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं। 2018 में उन्हें बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का सदस्य बनाया गया था।

हेमलता दिवाकर का था विरोध
आगरा ग्रामीण सीट पर बीजेपी विधायक हेमलता दिवाकर का विरोध था। लोगों ने जगह-जगह उनके लापता होने और कार्य नहीं कराने के पोस्टर लगाए थे। इस विरोध के चलते ही उनका टिकट कटा है। इस सीट पर पूर्व मेयर अंजुला सिंह माहौर को टिकट मिलने की भी चर्चा थी। मगर, पार्टी की ओर से बेबी रानी मौर्या पर भरोसा जताया गया।

बेलनगंज में मायका, करिअप्पा रोड पर ससुराल
उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं बेबी रानी मौर्य का मायका आगरा के बेलनगंज में है, जबकि उनकी ससुराल बालूगंज के करिअप्पा रोड पर है। इनके पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। बेबी रानी के दो बच्चे हैं।

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