आगरा में भाजपा के उम्मीदवार घोषित होने के बाद प्रत्याशी अब प्रचार से ज्यादा अपनों को मनाने में जुटे हुए हैं। प्रचार के लिए भी उसी गली का रुख किया जा रहा है, जहां बहाने से कोई रूठा गले लगाने को मिल जाए। इन सबके बीच आगरा सांसद और वर्तमान इटावा के सांसद किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है की अगर अच्छा हुआ तो कठेरिया की घर वापसी का रास्ता आसान हो जाएगा।
आगरा की 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों के लिए अपनों को मनाना सबसे अहम काम माना जा रहा है। टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी अब इस काम में जुट गए हैं। राज्यमंत्री जीएस धर्मेश छावनी विधानसभा के मंडल अध्यक्षों को मनाने पहुंचे और फतेहपुर सीकरी विधानसभा से चौधरी बाबू लाल ने जितेंद्र फौजदार के घर जाकर उनसे मुलाकात की है की।
पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने अग्रवाल समाज को अपने पाले में खींचने के लिए बल्केश्वर से चुनाव प्रचार शुरुआत की है और सुनील विकल के घर जाकर उनसे मुलाकात की है। सुनील विकल वैश्य समाज के लोगों को मनाने में उनके साथ हो गए हैं। बाह की रानी पक्षालिका सिंह ने भी कार्यकर्ताओं के साथ अपने समर्थकों से मिलना शुरू कर उनको हर काम को पूरा करने का आश्वासन देना शुरू कर दिया है। आगरा ग्रामीण से पूर्व राजयपाल बेबी रानी मौर्य ने जिला पंचायत सदस्यों को भाजपा ज्वाइन करवाई और वर्तमान विधायक हेमलता से खफा बरौली अहीर में दौरे की शुरुआत की है।
फतेहाबाद छोटेलाल वर्मा पूर्व में ब्राह्मण और ठाकुरों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के वीडियो वायरल होने का डैमेज कंट्रोल करने के लिए भाजपा के सवर्ण नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। एत्मादपुर से प्रत्याशी धर्मपाल सिंह लगातार वर्तमान विधायक रामप्रताप को अपना भाई कह कर मना लेने के बयान दे रहे हैं। खेरागढ़ से भगवान सिंह कुशवाह ने कार्यकर्ताओं के विरोध को ख़त्म करने के लिए प्रभारी और मंडल अध्यक्षों को साधना शुरू कर दिया है।
यहां सांसद एसपी सिंह बघेल के करीबी दिगंबर सिंह धाकरे के इस्तीफा देने के बाद अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट ने उन्हें थोड़ा विचलित किया है। विधायक योगेंद्र उपाध्याय भाजपा के वरिष्ठों को साथ लेकर प्रचार में जुट गए हैं और युवा मोर्चा के अपने करीबियों के जरिये पार्षदों और युवा कार्यकर्ताओं को अपनी खींचना शुरू कर दिया है।
एक प्रत्याशी के खिलाफ उनका पुत्र
जिले के एक विधायक प्रत्याशी का पूर्व में लोकसभा टिकट कटने पर उनके बेटे का राजनैतिक भविष्य बनाने का वायदा किया गया था, जिला पंचायत में फायदा न मिलने के बाद बेटा विधानसभा में जाने के विचार में था पर पिता की टिकट होने से वो रूठ गया है। हालांकि, पिता को पता है बेटा तो बाप के साथ ही रहेगा और वो सजातीय जनप्रतिनिधियों को मनाने के प्रयास में हैं।
किंग मेकर के रूप में कठेरिया की एंट्री
इटावा के सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया आगरा से कभी दूर नहीं हुए ,लगातार आगरा के भाजपाई उनके संपर्क में रहते हैं। आगरा आकर उन्होंने सभी प्रत्याशियों से मुलाकात कर चुनावी गणित सुलझाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। एत्मादपुर, ग्रामीण, उत्तरी, दक्षिणी, सीकरी, छावनी आदि सीटों के विरोधियों को मनाने का भार उनके कंधे पर आ रहा है। राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं की राम शंकर कठेरिया रूठों को मनाने में माहिर हैं और अगर इस बार उनका कार्ड सही चलता है तो उन्हें 2024 में आगरा वापसी का मौक़ा भी मिल सकता है। हालांकि, राम शंकर कठेरिया सामने से कुछ बोल नहीं रहे हैं।
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