ताजनगरी आगरा में मूलभूत समस्याओं की मांग को लेकर जनता लगातार प्रदर्शन कर रही है पर प्रशासन और जनप्रतिनिधि आश्वासन के अलावा कुछ दे नहीं पा रहे हैं। यहां नाला निर्माण के लिए 57 दिन से मलपुरा क्षेत्र में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। दो बार जीवित समाधि लेने के बाद भी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल पाया है। इसके साथ ही आगरा झांसी रेलवे लाइन पर रास्ते की मांग को लेकर सप्ताह भर से धरने पर बैठे स्थानीय लोगों ने भूखहड़ताल शुरू कर दी है। लगातार दूसरे दिन भी कड़कड़ाती ठंड में दर्जनों लोग भूखे प्यासे बैठे हुए हैं।
बता दें कि आगरा के मलपुरा थाना अंतर्गत धनौली क्षेत्र में बीते कई वर्षों से नाला निर्माण और सड़क निर्माण की मांग की जा रही है। यहां जलभराव और टूटी सड़क के चलते लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। तंग आकर 57 दिन पूर्व ग्रामीणों ने एकजुट होकर प्रदर्शन शुरू किया था। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने उन्हें बुलाया और दस दिन के अंदर समस्या का समाधान करते हुए निर्माण कराने की बात कही। इसके बाद किसान नेता ने काम न होने पर जीवित समाधि ले ली। प्रशासन ने फिर आश्वासन दिया और उन्हें बाहर निकाल लिया। 24 नवम्बर को ग्रामीणों ने आगरा जगनेर रोड जाम कर दिया तो उन्हें फिर आश्वासन दे दिया गया और छः दिसम्बर को जब एक वृद्धा और पुरुष ने एक साथ समाधि ली तो पीडी, तहसीलदार, सीओ और ब्लॉकप्रमुख राजू ने अगले दिन काम शुरू करवाने का आश्वासन देते हुए उन्हें बाहर निकाल लिया। आश्वासन के बाद मंगलवार को कोई गांव में झांकने भी नहीं आया। ब्लाकप्रमुख राजू ने निधि के जरिये निर्माण के वायदे की बात पर कागजी कार्यवाई को रोड़ा बात कर जल्द काम शुरू होने की बात कही है और तहसीलदार रजनीश बाजपेयी का फोन रिसीव नहीं हो पाया है।
ग्रामीणों ने बनाई रणनीति
किसान नेता सावित्री चाहर ने बताया की प्रशासन और जनप्रतिधि जनता को मूर्ख समझ रहे हैं। बुधवार को हम चुपचाप धरने पर रहेंगे और गुरुवार को सांसद राजकुमार चाहर का पुतला फूंका जाएगा। पुतला अभी से तैयार कर लिया गया है। कोई अधिकारी आया तो जनता उन्हें बंधक बनाएगी और निर्माण कार्य न शुरू होने तक उन्हें धरना स्थल पर ही बंधक बन कर जनता के साथ ठंड में रहना पड़ेगा।
रेलवे लाइन पर रास्ते की मांग, जारी है भूख हड़ताल
बता दें कि आगरा झांसी रेलवे लाइन पर अंडरपास की मांग को लेकर काफी समय से आगरा कैंट के पास रहने वाले लोग प्रयासरत हैं। यहां रोजाना लोगों को जान जोखिम में डालकर ट्रेनों के नीचे से निकलना पड़ता है। सीधे रास्ते से जाने पर दस किमी का अंतर पड़ता है। स्कूली बच्चे और बुजुर्गों से लेकर कई बार शव यात्रा और बारात तक ट्रेनों के नीचे से निकलते हुए विडीयो वायरल हो चुके हैं। इस बार लोगों ने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लोगों को समझाने गए राज्य मंत्री जीएस धर्मेश से लोगों की बहस हो चुकी है। लोगों ने अंडरपास के बिना वोट न देने का ऐलान कर दिया है। समाधान न मिलने पर सोमवार से लोगों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। दूसरे दिन भी सारी रात लोगों ने भूखे प्यासे रहकर धरनास्थल पर बिताई है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.