आगरा कॉलेज के गंगाधर शास्त्री भवन में राष्ट्रवाद पर आयोजित की गई दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन रविवार को हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर केएस राणा ने कहा कि हमारे ऊपर सरकारी इतिहास थोपा गया है। वास्तव इतिहास से हमसे दूर रखा गया है। इतिहास ने जो विभूतियां दी हैं, उनका सम्मान होना चाहिए। सरकार के दबाव में इतिहासकारों ने इतिहास के सच्चे नायकों के साथ न्याय नहीं किया। कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठी से इतिहास को नई दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अलीगढ़ के इतिहासकार फिरोज नकवी ने ब्रज क्षेत्र के क्रांतिकारी आंदोलन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आगरा कॉलेज 200 वर्ष पूरे कर रहा है। ऐसे अवसर पर क्षेत्र में स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों के योगदान को समाज के सम्मुख लाने की आवश्यकता है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर अनुराग शुक्ला ने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से विद्यार्थियों को राष्ट्रवाद से नए सिरे से परिचय करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि इतिहास को कोसकर नहीं, बल्कि बलिदान करके समझा जा सकता है। मीडिया समन्वयक प्रोफेसर अमित अग्रवाल ने बताया कि संगोष्ठी में 250 प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया।
शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुत सभी शोध पत्रों को पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। वही संगोष्ठी के अंत में सर्वोत्तम शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले कृष्ण कुमार, जितेंद्र सिंह, नीरज कुमार सिंह एवं कुमारी गीता को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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