अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर रविवार को नशीली दवाओं की मंडी आगरा में नए विचारों का प्रसार हुआ। युवाओं ने रैलियां निकालकर नशा छोड़ने का संदेश दिया। मुख्य विकास अधिकारी ए. मणिकंडन ने संगोष्ठी में युवाओं को नशा न करने का संकल्प दिलाया। अंतर्राष्ट्रीय ड्रग दिवस आगरा में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए रैली निकाली गईं। मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन ने विकास भवन सभाकक्ष में संगोष्ठी कर युवाओं को इस मुहिम में आगे आने के लिए प्रेरित किया।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सतीश कुमार, बीएसए महेशचंद के अलावा उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा संगठन, क्षेत्रीय मद्य निषेध विभाग, जिला समन्वय नेहरू युवा केंद्र, शिक्षण संस्थाओं और एनसीसी कैडेट्स ने अभियान में हिस्सा लिया।
देश के 272 जिलों में चल रहे अभियान में आगरा भी शामिल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की पहल पर देश के 272 जनपदों में नशा मुक्त भारत अभियान चल रहा है। इसमें आगरा भी शामिल हैं। इन जिलों में तीन करोड़ से अधिक लोग नशे के आदी हैं। इसलिए आगरा के लिए आज का दिन काफी मायने रखता है।
कई राज्यों में आगरा से होती है नशीली दवाओं की सप्लाई
यूपी में आगरा सबसे बड़ी नशीली दवाओं की मंडी है। देश के एक चौथाई हिस्से में आगरा से बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सप्लाई होती है। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात समेत बंग्लादेश तक यहां से प्रतिबंधित कफ सीरप एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई की जाती है। इन राज्यों पुलिस टीमें कई बार छापेमारी कर चुकी हैं।
शराब, गांजा तथा नशीली दवाओं सप्लाई के लिए भी आगरा सुर्खियों में रहता है। पिछले छह माह में एक करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शराब एवं 10 करोड़ से अधिक रुपये का यहां गांजा पकड़ा जा चुका है।
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