एक अमरूद की कीमत 100 रुपए...। सुनकर चौंक गए न?...पर ये सच है। आगरा में सेब से महंगा अमरूद बिक रहा है। शहर में 1 किलो सेब के दाम में लोग मात्र 1 अमरूद खरीद रहे है। बाजार में जहां अच्छा सेब 80 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, तो वहीं रतलाम से आया अमरूद 100 से 120 रुपए किलो होने के बावजूद लोगों को खासा पसंद आ रहा है। इसकी तुलना में दूसरे अमरूद अधिकतम 40 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं।
1 किलो में बस एक अमरूद
रतलाम के अमरुद का भार 600 ग्राम से 1000 ग्राम तक होता है। काटने पर इसमें नाममात्र का बीज मिलता है और गूदा काफी मात्रा में होता है। आढ़तियों का दावा है कि यह अमरूद शुगर के मरीजों के लिये बहुत फायदेमंद है और शुगर पर कंट्रोल करने में मदद करता है।
रतलाम के अमरूद की खासियत
अमरूद उत्पादन में रतलाम की पहचान अब सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बन गई है। यहां के किसान हर साल 12 हजार टन से अधिक अमरुद की फसल की खेती करते हैं। यहां का अमरूद अपने स्वाद और क्वालिटी के कारण इंग्लैड में काफी लोकप्रिय है। हर साल करीब चार हजार टन का निर्यात इंग्लैड को होता है। ये शुगर फ्री होने के साथ-साथ फाइबर से भरपूर होते हैं। ये दस दिन तक खराब नहीं होते हैं, जबकि सामान्य फल चार दिन में खराब हो जाते है।
सेब से ज्यादा मीठा पर नहीं बढ़ाती शुगर
आढ़त का काम करने वाले संजय कुशवाहा ने बताया कि इस अमरूद की खास बात यह है की इसका छिलका पतला है और यह बहुत मीठा होता है। हमें किसी को बेचने से पहले छांटने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसका हर फल एक जैसा ही होता है। इसमें कुदरती मिठास है और जामुन और फालसे की तरह यह शुगर के मरीजों को उसे कंट्रोल करने में मदद करता है।
रतलामी सेव के साथ अब अमरूद भी मशहूर
बता दें कि रतलाम मुख्य रूप से रतलामी सेव के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहां का समोसा, कचौरी, डाल बाटी और सोने का काम भी प्रसिद्ध है। किसी जमाने में यहां अफीम और तंबाकू की खेती और निर्यात भी बहुतायत से होती थी। कुछ समय से रतलाम अमरुद के लिए भी जाना जाने लगा है। यहां का पिंक अमरूद बाजारों में धूम मचा चुका है। यहां अमरूद की नई किस्में ईजाद की गई हैं।
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