टी-20 विश्वकप में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर राष्ट्रद्रोह के आरोप में 3 कश्मीरी छात्र 28 दिनों से जेल में बंद हैं। आगरा के वकीलों ने इनका केस लड़ने से इंकार कर दिया है। परेशान परिजनों ने अब हाईकोर्ट में गुहार लगाई है कि इसकी सुनवाई मथुरा कोर्ट में की जाए, ताकि उनके बच्चों की जमानत के लिए अर्जी लगाई जा सके। परिजन कह रहे हैं कि उनके बेटों का गुनाह इतना बड़ा नहीं है कि उन्हें माफ न किया जा सके।
24 अक्टूबर को पाकिस्तान ने भारत को हराया था
24 अक्टूबर को टी-20 विश्वकप में पाकिस्तान ने भारत को हराया था। आरोप है कि आगरा के आरबीएस टेक्निकल कॉलेज के तीन कश्मीरी छात्र अरशीद यूसुफ, इनयात अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनी ने पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया था। सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आने के बाद भाजयुमो के पदाधिकारी गौरव रजावत की ओर से थाना जगदीश पुरा में देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने तीनों छात्रों को जेल भेज दिया था। इस मामले में आगरा के अधिवक्ताओं ने तीनों आरोपी छात्रों की पैरवी करने से इंकार कर दिया था। वहीं, छात्रों की पैरवी के लिए जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिसशन ने मथुरा के अधिवक्ता को पैरवी के लिए तैयार किया।
कोर्ट का निर्णय आने के बाद लेंगे फैसला
आगरा में अधिवक्ताओं द्वारा तीनों छात्रों की पैरवी न करने के निर्णय के बाद आरोपी छात्रों के घरवालों की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस का न्यायाधिकार क्षेत्र आगरा की जगह मथुरा करने के लिए याचिका दायर की गई है। आरोपी छात्र इनयात अल्ताफ के चाचा रियाज ने बताया कि 24 नवंबर को याचिका पर सुनवाई होनी है। सुनवाई में क्या निर्णय आता है, इसका इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही वो आगे की तैयारी करेंगे।
वहीं, तीनों आरोपी छात्रों की ओर से पैरवी करने वाले मथुरा के अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि अभी तक छात्रों की जमानत याचिका दाखिल नहीं की गई है। हाईकोर्ट में आज सुनवाई है। हाईकोर्ट में न्यायाधिकार क्षेत्र बदलने की याचिका में क्या निर्णय होता है, उसके अनुसार ही आगे की तैयारी की जाएगी।
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