10 फोटो में देखिए एयरफोर्स की ताकत:आपदा में किस तरह से मिनटों में करते हैं रेस्क्यू, रक्षा मंत्री भी देखकर हो गए खुश
आगरा के आसमान में लड़ाकू विमान गरजे। युद्ध अभ्यास करते हुए भारतीय वायु सेना के शौर्य का दम दिखाया। इसको देखने के लिए खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और CDS अनिल चौहान पहुंचे थे। चिनूक हेलिकॉप्टर से लेकर सीएल-30 मालवाहक विमान ने आपदा के समय अपनी उपयोगिता दिखाई। दुर्गम इलाकों में कैसे भारतीय सेना के जवान और NDRF की टीम मिलकर काम करती है। ये देखकर रक्षा मंत्री भी खुश दिखे।
फोटो के जरिए देखिए एयरफोर्स स्टेशन पर हुई जॉइंट एक्सरसाइज...
एयरफोर्स स्टेशन आगरा पर हुई जॉइंट एक्सरसाइज में वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल- 76, सी वन- 30 मालवाहक विमान हैं। इसके साथ एएन-32, सुखोई-30 फाइटर प्लेन हैं। चिनूक हेलिकॉप्टर, प्रचंड लाइट कॉमबैट हेलिकॉप्टर के साथ भारतीय नौसेना का सर्विलांस हेलिकॉप्टर डॉनियर भी थे।
आपदा के समय राहत बचाव में आगरा के एयरफोर्स स्टेशन का रोल अहम रहता है। पूर्व में कई आपदा में आगरा से ही राहत बचाव के लिए विमान उड़ान भर चुके हैं।
आपदा के समय भारतीय वायु सेना का मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर अपनी भूमिका निभाता है। विमान से रसद के अलावा टीमों को पहुंचाया जाता है।
जंगल या दुर्गुम इलाकों में जब आग लगती है तो वायु सेना द्वारा इस तरह से पानी डालकर आग पर काबू पाया जाता है। एयरफोर्स स्टेशन पर आग बुझाने का प्रदर्शन किया गया।
इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल चिनूक हेलिकॉप्टर आपदा और युद्ध के समय अपनी भूमिका निभाता है। आपदा के समय हेलिकॉप्टर से रसद और अन्य जरूरी सामान को दुर्गम इलाकों में पहुंचाने में मदद मिलती है।
आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर एल- 76 यानी रिफ्यूलर ने हवा में उड़ते दो फाइटर प्लेन सुखोई ईंधन भरने का प्रदर्शन किया गया।
जॉइंट एक्सरसाइज में नागरिक प्रशासन, सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा (NDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), सीमा सड़क संगठन (BRO), भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल हुए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एयर चीफ मार्शल वीके चौधरी भी मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री ने NDRF द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
संयुक्त अभ्यास में भारत के साथ दस देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।