यूपी सरकार के निर्देश के बाद गुरुवार को आगरा में मदरसों का सर्वे शुरू हुआ। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार के निर्देशन में टीम धनौली के मदरसे में पहुंची। टीम ने यहां पर बच्चों की पढ़ाई को लेकर मदरसे के मुफ्ती से जानकारी ली। टीम मदरसे में करीब आधे घंटे तक रुकी। बच्चों को राष्ट्रगान के बारे में जानकारी नहीं थी। जब उनसे कहा गया कि जन गण मन सुनाओ तब कुछ बच्चे राष्ट्रगान सुना पाए।
प्रदेश सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के निर्देश दिए हैं। आगरा में 120 मदरसे हैं जो मान्यता प्राप्त हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिना मान्यता प्राप्त वाले मदरसे भी संचालित हैं। गुरुवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार सदर तहसील अंतर्गत धनौली नई बस्ती में संचालित मदरसा दरुस्सलम पहुंची। मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं है।
टीम ने मदरसे के मुफ्ती इमरान कुरैशी से 12 बिंदुओं पर जानकारी मांगी। उन्होंने बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा है। मदरसे की स्थापना कब हुई। कितने बच्चे पढ़ रहे हैं और मदरसे की आय का स्रोत क्या है। इन सबकी जानकारी ली। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का कहना है कि मदरसे के सर्वे में स्थिति संतोष जनक मिली है।
राष्ट्रगान क्या होता है, नहीं पता
मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों से प्रधानमंत्री और उप्र के मुख्यमंत्री का नाम पूछा गया। एक बच्चा उनके नाम नहीं बता पाया। दूसरे बच्चे ने उनके नाम बता दिए। बच्चों ने बताया कि उन्हें अंग्रेजी, हिंदी भी पढ़ाई जाती है।
बच्चों से जब अंग्रेजी की कविता सुनने का कहा गया तो वो कविता नहीं सुना पाए। राष्ट्रगान सुनाने का कहा तो वो एक दूसरे के चेहरे देखने लगे। मदरसे के शिक्षक ने कहा कि जन गण मन सुनाओ, तब कुछ बच्चे राष्ट्रगान सुना पाए। बच्चों को यमुना नदी कहां से बहती है, ये भी जानकारी नहीं थी।
घर से बुलाए बच्चे
मदरसे के मुफ्ती ने बताया कि टीम ने जब उन्हें सर्वे के लिए आने की जानकारी दी, तब तक मदरसे में बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी। बच्चों को घर से बुलाया गया। बता दें कि सर्वे के दौरान बच्चों की पढ़ाई न हो रही थी। न ही बच्चे अपना बैग लाए थे।
ये हैं सर्वे के 12 बिंदु
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