आगरा के कैलाशपुरी में हिंदू राष्ट्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय देसाई ने कहा कि हिंदू संतों पर लगातार हमले हो रहे हैं। संनातन धर्म में साधुओं का सम्मान किए बगैर हिंदुत्व नहीं हो सकता। सनातन धर्म के महापुरुषों का अपमान व उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनको बलात्कार जैसे झूठे मामलों में फसाया जा रहा है। धनंजय देसाई ने संत आशाराम बापू को भारतीय सनातन धर्म की रक्षा प्रणाली की उपमा दी। उन्होंने कहा की आशाराम बापू जैसे योगी महापुरुषों के चरित्र पर लांछन लगाकर संकट में नहीं लाया गया है, बल्कि भारतीय संस्कृति, भारतीय जीवन पद्धति, सनातन धर्म को संकट में लाया गया है।
जाग्रत होने का किया आह्वान
राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय देसाई ने आह्वान करते हुए कहा कि मैं सभी भारतीयों से कहता हूं कि यह सब सहते हुए आशाराम बापू को 8 से 9 साल हो गए। अब जागृत हो जाओ। मैं न तो आशाराम बापू से कभी मिला हूं और न ही मैंने उनसे दीक्षा ली है। उन्होंने कहा कि बापू जेल के अंदर नहीं हैं, हमारी कुल की, धर्म की, राष्ट्र की सुरक्षा की रक्षा प्रणाली अंदर है। उनको जेल से छुड़ाना हम सब का कर्तव्य है।
देवी-देवताओं को अपमानित करने की चल रही परम्परा
कैलाश मंदिर महंत निर्मल गिरी ने कहा कि देश में साधु संतों, देवी-देवताओं को अपमानित एवं बदनाम करने की एक परंपरा चल पड़ी है। संत आशाराम बापू ने समाज के चरित्र निर्माण, समाजोत्थान एवं गौरक्षा के लिए बहुत दैवीय कार्य किए हैं। 87 वर्ष की उम्र और स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद उनको न तो बेल मिल रही है और न ही पैरोल दी जा रही है। आशाराम बापू जैसे महापुरुषों की समाज को बहुत आवश्यकता है। संत आशाराम बापू को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाना चाहिए।
महापुरुषों के चरित्र हनन का प्रयास
मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने कहा कि षडयंत्रकारियों व धर्मांतरण करने वालों के द्वारा ही हिंदुओं के मन में अपनी संस्कृति के प्रति प्रश्न चिन्ह खड़े करने के लिए आशाराम बापू जैसे महापुरुषों के चरित्र हनन के प्रयास किये जा रहे हैं।
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