प्राचीन वैदिक गणित से ही भारत बन सकता विश्व गुरु:आगरा में राष्ट्रीय गणित सेमिनार में बोले वक्ता, कहा- हमें फिर उसी ओर लौटना होगा

आगरा2 महीने पहले
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आगरा में डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैथ कांफ्रेंस का शुभारंभ किया गया। गणितीय विज्ञान और एप्लीकेशन विषय पर हो रही कांफ्रेंस के पहले दिन का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर आंसू रानी और पूर्व कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुंदरलाल ने किया। इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीएस राजपूत मौजूद रहे।

खंदारी कैंपस के जेपी सभागार में चल रही तीन दिवसीय नेशनल मैथमेटिकल कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर बीएस राजपूत ने बताया कि गणित सिर्फ अंको को जोड़ना है या घटाना ही नहीं है। हमारे वेदों और विचारों में इसका विस्तृत वर्णन है। विश्व में कहा जाता है कि शून्य की खोज भारत में हुई। लेकिन वेदों को अगर देखें तो हमारे यहां 0 था ही नहीं। अंकों के साथ अनंत तक की खोज सदियों पहले वैदिक गणित के माध्यम से हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि हमारे ऋषि मुनि अनंत परमात्मा की खोज के लिए भी गणित का ही सहारा लिया करते थे। वे कहते थे कि अनंत की खोज के लिए स्वयं को शून्य बनाना होगा। इसका अर्थ है कि हमारे भारत में 0 से लेकर अंत तक की खोज हो चुकी है। जहां पर आधुनिक गणित अब तक नहीं पहुंच पाया। हमें तरक्की पाने के लिए वैदिक गणित की ओर लौटना होगा और हर क्षेत्र में जिस तरह पहले गणित का उपयोग होता था, उसी तरह वर्तमान में करके, हम फिर से विश्व गुरु की पदवी तक पहुंच सकते हैं।

आयोजन सचिव प्रोफेसर संजीव कुमार ने बताया कि सेमिनार में अमेरिका, ट्यूनीशिया, नेपाल, नाइजीरिया समेत देश भर से 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल रहे। 22 से अधिक अवार्ड प्राप्त स्पीकर वक्तव्य देंगे। 26 मार्च को इसका समापन आईबीएस संस्थान में होगा।