आगरा में कोरोना के दो साल बाद जनकपुरी एक बार फिर से सज रही है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 21 से 23 सितंबर तक चलेगा। उत्तर भारत में मनाई जाने वाली यह सबसे प्रमुख राम बारात है, जिसमें भगवान राम बारात लेकर जनकपुरी जाते हैं। इस जनकपुरी महोत्सव के लिए सजने वाला जनक महल इस बार नेपाल के जानकी मंदिर की तरह दिखेगा। बुधवार को जनक महल के पोस्टर का विमोचन किया गया। इससे पहले जनक महल के लिए भूमि पूजन किया।
इस बार दयालबाग क्षेत्र में मंगलम शिला के पास 4500 वर्ग गज क्षेत्र के खाली प्लॉट में जनक महल बनाया जा रहा है। बुधवार को निर्माणाधीन परिसर में जनकपुरी महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने जनक परिवार के साथ भूमि पूजन किया। साथ ही जनक महल की प्रतिकृति का पोस्टर भी जारी किया। मंगलम शिला के बगल में जनक महल 15 हजार बांस बल्लियों पर खड़ा होगा।
गूंजे जय श्रीराम के जयकारे
पंडित समय लाल शास्त्री और आचार्य जितेंद्र मोहन ने हवन पूजन कराया। पृथ्वी से अंतरिक्ष तक की शांति के लिए देवी-देवताओं का आह्वान किया। जय श्री राम के जयकारों से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। भूमि पूजन में मुख्य आसन पर राजा जनक आलोक अग्रवाल और समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद गर्ग बैठे।
राहुल गुप्ता ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान मुरारी लाल अग्रवाल, रामलीला कमेटी के उप मंत्री संजय तिवारी, मीनू गुप्ता, मीनू सिरोही, अलका भार्गव, नूतन शर्मा, महामंत्री मनोज अग्रवाल, रामचरन शर्मा, राजीव जैसवाल, समन्वयक अनिल सेंगर आदि मौजूद रहे।
कोलकाता के कारीगर 40 दिन में तैयार करेंगे महल
जनकपुरी महोत्सव समिति के संयोजक भरत शर्मा ने बताया, “नेपाल के जानकी मंदिर की तर्ज पर आगरा में जनक महल बनाया जा रहा है। कोलकाता के 65 कारीगरों द्वारा 160 फुट चौड़े और 110 फुट ऊंचे जनक महल को बल्लियों के सहारे तैयार किया जाएगा।”
थर्माकोल पर हल्की स्वर्णिम आभा के साथ श्वेत रंग में तीन बड़ी बुर्जियों, मेहराबों और झरोखों के साथ बनने वाला जनक महल दर्शकों को आकर्षित करेगा। एक हजार गमले और चार फव्वारे इसकी शोभा बढ़ाएंगे। करीब 1500 लोगों के बैठने के लिए सोफे और कुर्सियां लगाई जाएंगी। जनक महल तैयार होने में लगभग 40 दिन लगेंगे।
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