आगरा में पुलिस टीम पर हमला:फसल के विवाद में दो सगे भाई भिड़े, एक ने झगड़ा सुलझाने पहुंचे SI की गोली मारकर हत्या की

आगरा2 वर्ष पहले
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बुलंदशहर के खुर्जा में रहने वाले दरोगा प्रशांत यादव 2015 बैच के थे। उनकी तैनाती आगरा के टोल प्लाजा चौकी पर थी। - Dainik Bhaskar
बुलंदशहर के खुर्जा में रहने वाले दरोगा प्रशांत यादव 2015 बैच के थे। उनकी तैनाती आगरा के टोल प्लाजा चौकी पर थी।

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में दो भाइयों के बीच विवाद सुलझाने गए दारोगा (SI) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस अधिकारी की हत्या की खबर मिलते ही ADG, IG और SSP सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे।

आगरा के खंदौली थाने में आने वाली टोल प्लाजा चौकी पर तैनात दारोगा प्रशांत यादव के पास बुधवार शाम एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि नहर्रा गांव में आलू की फसल को लेकर दो सगे भाइयों में विवाद हो गया है। छोटा भाई विश्वजीत मजदूरों को धमका रहा है। सूचना के बाद प्रशांत यादव सिपाही चंद्रसेन के साथ नहर्रा गांव पहुंचे। यहां विश्वनाथ तमंचा हाथ में लेकर मजदूरों को धमका रहा था।

आरोपी के हाथ में पिस्टल देखकर पकड़ने की कोशिश की
विश्वनाथ के हाथ में पिस्टल देखकर SI प्रशांत ने उसे दबोचने की कोशिश की। आरोपी के भागने पर प्रशांत ने उसका पीछा किया। विश्ननाथ ने फायरिंग की। एक गोली प्रशांत की गर्दन में लगी। लहूलुहान हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

सिपाही को धक्का मारकर फरार हो गया आरोपी
सिपाही ने हमलावर विश्वनाथ को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह धक्का मारकर मौके से फरार हो गया। घटना के बाद ADG जोन राजीव कृष्ण, IG रेंज आगरा ए सतीश गणेश, SSP बबलू कुमार मौके पर पहुंचे। तनाव के चलते इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है।

CM योगी ने 50 लाख देने का एलान किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दरोगा की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उनके गांव की सड़क को दरोगा के नाम पर किए जाने की भी घोषणा की है।

इससे पहले हुए हमले, जिनमें पुलिसकर्मी मारे गए

  • कासगंज में 9 फरवरी को सिंहपुरा थाना क्षेत्र में काली नदी की कटरी में शराब माफिया मोती सिंह ने अपने भाइयों और दूसरे लोगों के साथ मिलकर SI अशोक कुमार और सिपाही देवेंद्र पर हमला कर दिया था। इस हमले में सिपाही देवेंद्र की मौत हो गई थी। जबकि सब इंस्पेक्टर अशोक बुरी तरह जख्मी हुए थे। इसके बाद पुलिस मुठभेड़ में मोती सिंह और उसका भाई मारे गए थे।
  • कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश दी गई, पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। 9 जुलाई को विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार हुआ था। 10 जुलाई को पुलिस ने कानपुर के भौंती में उसका एनकाउंटर कर दिया था। भौंती में गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने की कोशिश की थी और मुठभेड़ में मारा गया था। जबकि उसके 5 साथी मुठभेड़ में मारे गए और इस मामले में 36 लोग जेल में हैं।
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