आगरा के मंदिर में फूल बंगले के लिए वेटिंग:लंगडे़ की चौकी हनुमान मंदिर में 2023 के हो चुकी है एडवांस बुकिंग, 600 साल पुराना है मंदिर

आगरा4 महीने पहले
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आगरा के प्रसिद्ध लंगडे़ की चौकी हनुमान मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था है। हर मंगलवार और शनिवार को फूल बंगला और चोला चढ़ाने के लिए भक्तों की लाइन लगी रहती है। आलम ये है कि 2023 के लिए मंदिर में फूल बंगले की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। चोले के लिए भी कुछ ही तिथियां खाली हैं। ये हनुामन मंदिर करीब 600 साल पुराना है। कहा जाता है कि यहां पर हनुमान जी अपने भक्त के लिए चौकीदार बन गए थे।

मंदिर के महंत गोपी गुरू ने बताया कि वर्ष 2023 के लिए सभी फूल बंगले की बुकिंग हो चुकी है।
मंदिर के महंत गोपी गुरू ने बताया कि वर्ष 2023 के लिए सभी फूल बंगले की बुकिंग हो चुकी है।

पूरे साल के फूल बंगले बुक
प्राचीन लंगडे़ की चौकी हनुमान मंदिर के महंत गोपी उपाध्याय गुरु ने बताया कि हनुमान मंदिर में आगरा के अलावा पूरे देश से भक्त आते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को फूल बंगला सजाया जाता है। वर्ष 2023 के लिए मंगलवार और शनिवार के फूल बंगले बुक हो चुके हैं। भक्तों ने अभी से एडवांस बुकिं करा दी है। इतना ही नहीं पेंडिंग भी है। भक्तों ने कहा कि अगर बीच में किसी का फूल बंगला कैंसिल होता है तो उन्हें अवगत करा दूं। इसी तरह चोला के लिए भी अधिकांश बुकिंग हो चुकी हैं। आगरा के अलावा दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, लखनऊ जयपुर व विदेशों में रह रहे भक्तों ने फूल बंगले के लिए बुकिंग कर रखी है।

मंदिर का भवन मुगलकालीन है। यहां पर दूर-दूर से भक्त आते हैं।
मंदिर का भवन मुगलकालीन है। यहां पर दूर-दूर से भक्त आते हैं।

मुगलकालीन है इमारत
आगरा में लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर करीब 600 साल पुराना है। यह मंदिर मुगलकालीन है, जो कभी शहर से दूर था। अब यह घनी बस्ती में शामिल हो गया है। यहां हनुमान जी का दिव्य विग्रह संगमरमर के सिंहासन पर विराजमान हैं। जिनके दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। हनुमान बाबा के चरणों में विनती लगाने या अपने मनोरथ पूरे होने पर फूल बंगला सजवाने वालों की लंबी फेहरिस्त है।

बताया जाता है कि अपने भक्त के लिए हनुमान जी ने चौकीदार का रूप धारण कर लिया था। इसके बाद ही मंदिर को लंगडे़ की चौकी के नाम से जाना जाता है।
बताया जाता है कि अपने भक्त के लिए हनुमान जी ने चौकीदार का रूप धारण कर लिया था। इसके बाद ही मंदिर को लंगडे़ की चौकी के नाम से जाना जाता है।

हनुमान जी बन गए थे लंगड़े चौकीदार
मंदिर महंत गोविंद उपाध्याय के अनुसार प्राचीन काल में जहां मंदिर है, यहां एक सरकारी चौकी हुआ करती थी। यहां लंगड़ा चौकीदार तैनात था। वह भगवान श्रीराम का भक्त था। एक दिन वह अपनी ड्यूटी पर नहीं था, किसी ने उसकी शिकायत कर दी। इस पर कोतवाल पता करने के लिए गया तो चौकीदार श्रीराम कथा में मौजूद था। वह वापस लंगड़े की चौकी वाले स्थान पर आया तो वहां भी वह चौकीदार मिल गया। चौकीदार से पूछे जाने पर उसने बताया कि यहां हनुमान जी ड्यूटी कर रहे थे। इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। जिसका नाम लंगड़े चौकीदार के नाम पर रखा गया।

पूरी होती है मनोकामना
महंत ने बताया कि मंदिर की मान्यता है कि यहां पर हर मनोकामना पूरी होती है। दूर-दूर से भक्त आते हैं। बाबा के दरबार में अर्जी लगाने पर हर कष्ट दूर होता है। बिगड़े काम बनते हैं। सैकड़ों भक्त ऐसे हैं जो सालों से नियमित मंदिर आ रहे हैं।