अतरौली के भाजपा नेता के भतीजों के साथ घर में घुसकर मारपीट के मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष/एमएलसी ऋषिपाल सिंह व उनके पुत्रों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। निचली अदालत के तलबी आदेश के खिलाफ उनके द्वारा दायर की गई अपील सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है। बता दें कि न्यायिक मजिस्ट्रेट अतरौली की अदालत से ऋषिपाल समेत नौ लोगों को अपराध विचारण के लिए तलब कर समन जारी किए गए थे।
वाकया 11 जुलाई 2018 का है, जिसमें कहा गया कि अतरौली निवासी भाजपा के पूर्व जिला मंत्री अतुल गुप्ता के नाबालिग भतीजे यश गुप्ता व रिषभ गुप्ता मोहल्ला मुगलान में अपनी हलवाई की दुकान पर बैठे थे तभी मोटरसाइकिल खड़ी करने को लेकर कुछ युवकों से विवाद हो गया। युवकों ने फोन करके 8-10 लोगों को बुला लिया। लाठी डंडों से मारपीट शुरू कर दी। बचने के लिए यश व रिषभ अपने घर में घुस गए। विपक्षी भी उनके घर में घुस आए और मारपीट शुरू कर दी। इससे उनके गंभीर चोटें आई थीं। इस मामले में ऋषिपाल सिंह, प्रशांत, बिट्टू, बबलू, गौरव शर्मा, श्याम सुंदर भारद्वाज, ऋषिपाल सिंह के दो पुत्र तपेश उर्फ विवेक चौधरी व विभांशु और विष्णु के नाम सामने आए।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि शिकायत पर पुलिस ने बमुश्किल एक माह बाद रिपोर्ट दर्ज की और फिर अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इसके के खिलाफ पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट, अतरौली ने आठ दिसंबर को सभी आरोपियों को तलब कर समन जारी किए थे। न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी। सत्र न्यायाधीश डॉ. बब्बू सारंग की अदालत ने भाजपा जिलाध्यक्ष/एमएलसी ऋषिपाल सिंह पक्ष की ओर से दायर की गई अपील को खारिज कर दिया है और निचली अदालत के तलबी आदेश को यथावत रखा है। इस संबंध में ऋषिपाल सिंह के अधिवक्ता प्रताप सिंह राघव ने न्यायालय के आदेश की पुष्टि की है।
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