अलीगढ़ में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। शहर विधानसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी मो. सलमान इम्तियाज को जिला बदर कर दिया गया है। इसका नोटिस उनके घर के बाहर भी चस्पा कर दिया गया है। दूसरी ओर, पार्टी इसे राजनीतिक मसला बता रही है। कांग्रेस प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ अब कोर्ट जाने की तैयारी कर चुकी है। जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि चुनाव में फायदा लेने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
मुस्लिम क्षेत्रों में शुरू हुआ विरोध
सलमान को जिला बदर करने के बाद उपरकोट समेत विभिन्न इलाकों में इसका विरोध शुरू हो गया है। मुस्लिम समाज के लोग सड़क पर उतरने शुरू हो गए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन उनके युवा नेता के साथ अन्याय कर रहा है। इसके बाद क्षेत्रीय पुलिस भी अलर्ट हो गई है। हर एक मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। वहीं लोगों के विरोध के बाद पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया।
गुंडा एक्ट के तहत की गई कार्रवाई
अलीगढ़ की शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी सलमान इम्तियाज AMU (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। उन पर गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की कार्रवाई की गई है। 14 जनवरी को ही यह नोटिस जारी कर दिया गया था। कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद सलमान ने 20 जनवरी को अपना नामांकन कराया था। जिसके बाद प्रशासन की ओर से यह नोटिस उनके घर के बाहर चस्पा कर दिया गया है। जिसके बाद कांग्रेस को भी अलीगढ़ से विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है। एडीएम सिटी राकेश कुमार पटेल ने बताया कि सलमान पर गुंडा एक्ट के तहत मामला होने के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि वह शहर की शांति के लिए खतरा थे।
कासगंज के थाने में करनी है रिपोर्ट
प्रशासन ने उन पर पहले भी मार्च, 2020 में AMU में सीएए विरोधी आंदोलन के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया गया था। AMU के कई अन्य छात्र नेताओं को भी इस तरह के प्रतिबंध आदेश जारी किए गए थे। हाल ही में सलमान ने अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद का विरोध किया था और इसके विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा था। जिसके बाद वह चर्चा में आ गए थे। प्रशासन ने शहर की शांति का हवाला देते हुए उन्हें जिला बदर किया है और कासगंज के एक थाने में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं।
सलमान बोले, साजिश के तहत फंसाया
जिला बदर होने के बाद सलमान इम्तियाज ने बताया कि उनके खिलाफ साजिश की गई है। विपक्ष उन्हें चुनाव लड़ता देखना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि अगर शहर की आवाम ने उन्हें चुनकर विधानसभा तक पहुंचाया, तो वह नफरत की राजनीति का विरोध करेंगे और विकास को आगे बढ़ाएंगे।
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