विधानसभा 2022 चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें अलीगढ़ की चार विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी गई है। इसमें कांग्रेस ने कोल विधानासभा सीट से पूर्व एमएलसी विवेक बंसल पर विश्वास जताया है। वहीं शहर विधानसभा सीट से एएमयू के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज को प्रत्याशी बनाया गया है। अतरौली से कांग्रेस ने लोधी समाज के धर्मेंद्र कुमार और बरौली विधानसभा से गौरांग देव चौहान को पार्टी की टिकट देकर मैदान में उतारा है। जिसके बाद अन्य पार्टियों में भी टिकटों को लेकर हलचल शुरू हो गई है।
पूर्व एमएलसी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं बंसल
कांग्रेस ने अलीगढ़ की कोल विधानसभा सीट से पार्टी ने पूर्व एमएलसी व वरिष्ठ नेता विवेक बंसल को अपना प्रत्याशी बनाया है। विवेक बंसल एक प्रतिष्ठित व रसूखदार परिवार से संबंध रखते हैं। वह कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से जुड़कर आमजनों के बीच में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए थे। इसके साथ ही उनके पास हरियाणा प्रदेश के प्रभारी पद की जिम्मेदारी भी थी। हरियाणा चुनावों के दौरान उन्होंने बाखूबी इस जिम्मेदारी को निभाया था, जिसके बाद पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
एएमयू के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष हैं सलमान
अलीगढ़ की शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने युवा व मुस्लिम चेहरे को प्रत्याशी बनाकर जनता के बीच में उतारा है। ऊपरकोट निवासी मो. सलमान इम्तियाज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष हैं और युवाओं में उनकी पकड़ भी काफी मजबूत है। विशेष कर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में उनकी मजबूत स्थिति को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। नवंबर 2021 में ही सलमान ने पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलकर पार्टी ज्वाइन करी थी और चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थी।
बरौली में युवा क्षत्रिय चेहरे पर भरोसा
अलीगढ़ की बरौली विधानसभा सीट से कांग्रेस ने गौरांग देव चौहान को प्रत्याशी बनाया है। उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनके सम्मान में दिल्ली में तात्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने सड़क का नामकरण किया था। बरौली में भाजपा से ठा. दलवीर सिंह विधायक हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण वह अपने पौत्र ठा. अजय सिंह के लिए टिकट का जोर लगा रहे हैं। वहीं पूर्व मंत्री व एलएलसी ठा. जयवीर सिंह भी अपने पुत्र अभिमन्यु के लिए टिकट का जोर लगा रहे हैं। बरौली सीट पर क्षत्रिय समाज के वर्चस्व को देखते हुए कांग्रेस ने यहां से क्षत्रिय युवा पर भरोसा जताया है। गौरांग यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में वह युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। हालांकि उनके पिता का भाजपा में जुड़ाव था। उनका घर अलीगढ़ शहर में ही है और लंबे समय से वह बरौली क्षेत्र में अपना प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
बाबूजी परिवार के करीबी रहे हैं डॉ धर्मेंद्र कुमार
अतरौली विधानसभा क्षेत्र में लोधी समाज का वर्चस्व है और यह सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल रहे बाबूजी कल्याण सिंह का गृह क्षेत्र है। इस विधानसभा सीट से पूर्व सीएम के पौत्र संदीप सिंह विधायक हैं और प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री भी हैं। ऐसे में कांग्रेस ने लोधी बाहुल्य क्षेत्र को देखते हुए समाज के डॉ धर्मेंद्र कुमार को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। डॉ धर्मेंद्र पहले कल्याण सिंह परिवार के काफी करीबी रहे हैं और एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भइया से उनकी नजदीकियां रही। भाजपा में रहते हुए उन्होंने 2015-16 के पंचायत चुनावों में टिकट की दावेदारी की थी। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका था। जिसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। अतरौली के हैवतपुर गांव निवासी डॉ धर्मेंद्र किसान परिवार से हैं। अलीगढ़ में उनका निजी अस्पताल है और उनकी पत्नी डॉक्टर हैं।
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