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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। वे रविवार को प्रयागराज में घूरपुर के बसवार गांव में उन नाविक परिवारों की महिलाओं से मिलीं, जिन पर 4 फरवरी को पुलिस ने कथित रूप से लाठीचार्ज किया था। यह कार्रवाई अवैध खनन के आरोप में की गई थी।
इस दौरान प्रियंका ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि कानूनों की ही तरह नदियों पर लागू होने वाले कानून भी मछुआरों की बजाय उद्योगपतियों की भलाई के लिए हैं। प्रियंका बीते 10 दिन में दूसरी बार प्रयागराज दौरे पर पहुंचीं।
पीड़ितों का दावा- पुलिस ने घरों में आग लगा दी थी
मछुआरा समुदाय की महिलाओं ने प्रियंका को रोते हुए 4 फरवरी की घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उस दिन पुलिस उनके घरों में जबरन घुस गई। औरतों और बच्चों को पीटा। नावों को तोड़ दिया और घरों को आग लगा दी। मछुआरों ने टूटी नावों को भी दिखाया। इस पर प्रियंका ने कहा कि अगर आपको यहां मारा-पीटा गया है तो प्रशासन और UP पुलिस को शर्म आनी चाहिए। मैंने उस घटना का वीडियो देखा है। हम इस मुद्दे को उठाएंगे और आपकी लड़ाई लडेंगे।
एयरपोर्ट पर नाविकों ने प्रियंका का स्वागत किया
इससे पहले प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर सुजीत निषाद और बलराम साहनी ने प्रियंका का स्वागत किया। मौनी अमावस्या पर सुजीत की नाव पर ही प्रियंका सवार हुई थीं। सुजीत ने ही बसवार में हुई पुलिस की कार्रवाई की जानकारी प्रियंका को दी थी। वहीं, बलराम की प्रियंका से मुलाकात लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की गंगा यात्रा के समय हुई थी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा- यह सिर्फ पॉलिटिकल टूरिज्म है
प्रियंका के प्रयागराज दौरे पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश में और खासकर UP के संदर्भ में कुछ ऐसे नेता हैं, जो चुनाव के समय पॉलिटिकल टूरिज्म पर निकलते हैं। शिगूफा छोड़ते हैं और चर्चा में बने रहने के लिए ट्वीटर पर काम करते हैं। वे धरातल से वाकिफ नहीं होते।
शर्मा ने कहा कि योगीजी की सरकार में प्रयागराज धार्मिक पर्यटन का केंद्र बना है। तमाम जगह विकास कार्य हुए हैं। नाविकों को भी रोजगार मिला है। उनके लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इन लोगों (विपक्षियों) से यह देखा नहीं जा रहा है।
प्रियंका के दौरे के क्या हैं मायने?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह मछुआरा, निषाद, मल्लाह और बिंद जैसे समुदायों को साधने की कोशिश है। इनका पूर्वांचल की कई सीटों पर खासा प्रभाव है। प्रयागराज में ही निषादों की करीब 50 हजार आबादी है। प्रतापपुर और हंडिया में इनकी निर्णायक भूमिका है।
प्रियंका ने मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाई थी
11 फरवरी को प्रियंका, बेटी मिराया के साथ प्रयागराज गई थीं। उन्होंने संगम में डुबकी लगाई थी। संगम तट पर पूजा की थी। प्रियंका ने गंगा में नाव भी चलाई थी। वे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से भी मिली थीं। वे शनिवार को भी उत्तर प्रदेश में थीं। उन्होंने पश्चिमी UP के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत की थी। इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों को वापस न लिए जाने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अहंकारी राजा कहा था।
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