अंबेडकरनगर के होम्योपैथिक हॉस्पिटल को खुद इलाज की दरकार है। जिले के होम्योपैथिक विभाग में न तो पूरे डॉक्टर हैं और न ही डॉक्टरों के बैठने के लिए अपना निजी भवन। ज्यादातर भवन या तो प्राइवेट भवन में हैं या तो CHC या PHC में बने हैं। वहीं डॉक्टरों के कई पद खाली हैं। संसाधनों की कमी से जूझ रहे जिले में संचालित होम्योपैथिक अस्पताल बदहाल हैं।
जिले में हैं 19 होम्योपैथिक हॉस्पिटल
मरीजों का होम्योपैथिक विधि से इलाज हो, इसके लिए जिले भर में 19 होम्योपैथिक हॉस्पिटल खोले गए हैं, लेकिन इन अस्पतालों को अभी तक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है। कई जगह बिना चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ के अस्पतालों का संचालन हो रहा है, जिससे मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ मीठी गोली मिल रही है। इनमें से 17 होम्योपैथिक अस्पताल जिला अस्पताल, CHC व PHC परिसर में उधार के कमरों में संचालित हो रहे हैं, जबकि बेलापरसा में पंचायत भवन में और कुर्चा में खुद के भवन में संचालित हो रहा है।
पदों के सापेक्ष नहीं हैं डॉक्टर
जिले में संचालित 19 होम्योपैथिक अस्पतालों में चिकित्सकों के 20 पद सृजित हैं। इसके सापेक्ष अभी तक 16 पदों पर ही डॉक्टर की तैनाती है, जबकि डॉक्टरों के 4 पद बीते लंबे समय से खाली पड़े हैं। इसके साथ ही अस्पताल चलाने के लिए जरूरी फार्मासिस्ट व अन्य सहायक स्टाफ के पद भी काफी समय तैनाती न हो पाने के कारण खाली पड़े हैं। ऐसे में इन अस्पतालों में चिकित्सकों को मरीजों का इलाज करने के साथ ही खुद ही दवा भी वितरित करना पड़ रही है। इसका खामियाजा इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ. विजय प्रकाश वर्मा में बताया, जिला स्तरीय अस्पतालों में पद रिक्त चल रहे हैं। चिकित्सक व फार्मासिस्ट के पदों पर तैनाती के लिए कई बार मुख्यालय को पत्र भेजा जा चुका है। मुख्यालय स्तर से प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इन पदों पर तैनाती होगी। साथ ही पंचायत भवन में संचालित दोनों अस्पतालों को अपने भवन में शिफ्ट कराने के लिए भी पत्र भेजा गया है।
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