अंबेडकरनगर में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 14 मई को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा। लोक अदालत में 31049 मामलों का निपटारा होगा। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है।
लोक अदालत में बिना भागदौड़ के होता है निस्तारण
अपर जनपद न्यायाधीश रत्नेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि लोक अदालत में मामलों का निपटारा आसानी से होता है। इसका उद्देश्य लंबित मामलों का आपसी सुलह-समझौता के आधार पर कराना है। इससे वादकारियों को लाभ मिलता है तथा उनको बेवजह भागदौड़ करने से निजात मिल जाती है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे मामले हैं। जो बेवजह लटके हुए हैं। इसलिये थोड़ी सी पहल के बाद इसका निपटारा हो जाता है।
लोगों को करना होगा जागरूक
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रियंका सिंह ने बताया कि लोक अदालत में राजस्व से जुड़े अधिक से अधिक मामलों का निस्तारण हो। इसका हम सभी को प्रयास करना है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक मुकदमें जमीन सम्बंधी होने से न्यायालयों में फाइलों का बोझ बढ़ा हुआ है। लोगों को बिना वजह भागदौड़ से बचने के लिये जरुरी है कि, वह सुलह-समझौता के आधार पर अपने मामलों का निपटारा करा लें। उन्होंने कहाकि लोक अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही इसके लिये लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहाकि लोगों को लोक अदालत के जरिये मामले का निपटारा होने के बारें में भी बताएं।
इन मामलों की होगा निस्तारण
आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह योग्य फौजदारी वाद, भरण-पोषण वाद, दीवानी वाद, स्टाम्प वाद वैवाहिक वाद, बाट माप अधिनियम के अन्तर्गत चालान, ऋण मामले, बैंक रिकवरी याद, चेक बाऊंस सम्बन्धित धारा 138 एनआई एक्ट, बिजली चोरी से शमनीय दण्ड, स्थायी लोक अदालत के बाद सहित अन्य वादों को पक्षों के मध्य आपसी सुलह समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण व अदालतों में लम्बित मामलों के राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण पर न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था है तथा राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं हो सकती है। अधिक से अधिक संख्या में अपने मामलों को उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में सूचीबद्ध कराकर सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त करें।
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