अंबेडकरनगर में अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की भरमार है। CMO ऑफिस के आंकडों पर गौर करें तो जिले भर में 41 अल्ट्रासाउंड सेंटर का रजिस्ट्रेशन है, लेकिन 100 से ज्यादा अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हैं। इन सेंटरों पर जहां मरीजों से मनमाफिक पैसा वसूला जाता है तो वहीं कई अल्ट्रासाउंड सेंटर ऐसे हैं, जो न मानक पूरा किए हैं और न ही उनमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
41 अल्ट्रासाउंड सेंटरों के पास है लाइसेंस
जिले में 41 अल्ट्रासाउंड सेंटर ऐसे हैं, जिनके पास जांच करने का लाइसेंस है, जबकि जिले के बसखारी, जहांगीरगंज, रामनगर, बारियवन, जलालपुर रफीगंज, कटेहरी, मालीपुर, महरुआ, टांडा और इल्तिफातगंज सहित जिले के अन्य जगहों पर 100 से ज्यादा अल्ट्रासाउंड सेंटर चलते हैं। जिला मुख्यालय पर करीब 3 दर्जन अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो मरीजों से जांच के नाम पर मनमाफिक पैसे वसूल करते हैं। वहीं कई केंद्र ऐसे हैं, जो मानक भी नहीं पूरा किए हैं और जिन पर अनट्रेंड डॉक्टर होते हैं। ये सेंटर मरीजों से पैसे ज्यादा वसूलते हैं।
600 से 800 तक वसूलते हैं फीस
स्वास्थ विभाग की तरफ से अल्ट्रासाउंड जांच कराने की कोई फीस निर्धारित नहीं की गई है, जिससे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर मनमाफिक फीस मरीजों से वसूली जाती है। किसी सेंटर पर 600 तो कहीं पर 800 रुपए फीस ली जाती है और इनकी शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
अकबरपुर निवासी मंजू ने बताया कि उसे अल्ट्रासाउंड कराना था। वह पहले जिला अस्पताल गई तो वहां पर एक महीने की डेट मिल गई। इसकी वजह से 700 रुपए देकर प्राइवेट में अल्ट्रासाउंड कराना पड़ा। उन्होंने बताया, अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मरीजों से जितना मन होता है, उतनी फीस वसूली जा रही है। इस बाबत CMO श्रीकांत शर्मा ने बताया, अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच कर कार्रवाई की जाती है। इस तरह के जो भी सेंटर अभी चल रहे हैं, उस पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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