यूपी का अमेठी VVIP जिला है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यहां की सांसद हैं। यहां के विकास के लिए उनके बड़े-बड़े दावे हैं, लेकिन आज भी जमीनी हकीकत उनके जुबानी दावों की पोल खोल रही है। यहां के मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मस्थली जायस बस स्टॉप जहां न बैठने का इंतजाम है और न कोई व्यवस्था है। पैसेंजर हाथों से बस रोकते और सफर करते हैं। इसकी पहचान पेड़ों वाले बस अड्डे से है। इसलिए की यहां एक पेड़ पर बस स्टॉप का बोर्ड लगा है, जो बस स्टॉप की पहचान भर है।
जायस बस स्टॉप पर दुकान चलाने वाले विजय बताते हैं कि वो पिछले 4-5 साल से यहां पर बैठते हैं। यहां आने वाले यात्री खड़े रहते हैं और हाथ दिखाकर बस को रोकते हैं, लेकिन बस नहीं रुकती। व्यवस्था को लेकर विजय कहते हैं कि यहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्री घंटों-घंटों तक यहां टहलते रहते हैं। यात्री मोईन अहमद बताते हैं कि वो पिछले एक घंटे से यहा खड़े हैं। उनको रायबरेली जाना था। एक बस आई तो हाथ दिया, लेकिन नहीं रुकी।
बस अड्डे का बोर्ड पेड़ पर लटका हुआ
सबसे बड़ी दिक्कत तो ये आई कि बस अड्डा नहीं मिल रहा था। कई लोगों से पूछने के बाद पता चला कि बस स्टॉप ये है। वो कहते हैं आप देख सकते हैं कि बस अड्डे का बोर्ड पेड़ पर लटका हुआ है। ठंडक का टाइम है और न कहीं बैठने की व्यवस्था है और न ही बस की।
हाल ही में 5 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जिस तिलोई बस स्टॉप का लोकार्पण किया था, आज भी वहां हालात बद से बदतर हैं। यहां यात्री उषा विश्वकर्मा बताती हैं कि हमे जगदीशपुर जाना है। काफी देर हो गई खड़े हैं, लेकिन कोई बस नहीं मिली। शौचालय पर ताला लगा है। हम कहा जाएं।
बस स्टॉप के उद्घाटन के बाद से नहीं खुला ताला
यात्री लवकुश कहते हैं कि बस आने का न तो कोई टाइम है और न ही कोई यहां कुछ बताने वाला है। तिलोई के रहने वाले संतोष गुप्ता बताते हैं कि जब से उद्घाटन हुआ है, तब से लेकर आज तक यहां कोई साफ-सफाई नहीं है। शौचालय पर ताला लगा रहता है, जिससे यात्रियों को बहुत परेशानी होती है।
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