औरैया जिले में हर रोज कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। आंकड़ा 125 पर पहुंच गया है। इसके बावजूद भी अस्पताल खाली हैं। लोग होम आइसोलेशन पर अधिक जोर दे रहे हैं। पिछले बार भी जिले में एल-2 हॉस्पिटल ही थे और इस बार अस्पताल के पास ऑक्सीजन प्लांट है और 40 वेंटिलेटर भी है। इसके बावजूद एल-3 हॉस्पिटल बनाने को प्रयास नहीं हुए। थोड़ी भी गंभीर हालत होने पर यहां से रेफर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। डॉक्टरों का दावा है कि कोरोना के इस वैरिएंट में ऑक्सीजन सिचुरेशन पिछले वैरियंट की तरह घट नहीं रही है। इसके बाद भी छह मरीज ऐसे हैं जो कानपुर, सैफई और लखनऊ पीजीआई में भी एडमिट हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में जिला अस्पताल में रेफरल सेंटर बन रहे। कोरोना की दूसरी लहर में तो हालात बहुत भयावह थे। चिचौली हॉस्पिटल से ऑक्सीजन लेवल गिरने पर ही रेफर किया जा रहा था। महज सामान्य मरीज ही रखे जा रहे थे। इसके बाद पीएम केयर व गैल की तरफ से दो-दो ऑक्सीजन प्लांट लग गए और कुल 40 वेंटिलेटर भी अस्पताल में मौजूद है।
गंभीर मरीज लखनऊ रेफर
दावा है कि इस बार वेंटिलेटर को चलाने के लिए 5 टेक्नीशियन भी मौजूद हैं। इसके बाद भी जिले में एल-2 की जगह एल-3 हॉस्पिटल नहीं बन सका। इस बार भी मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हर रोज 20 से 24 मरीज निकल रहे हैं। जिससे आंकड़ा 125 पर पहुंच गया है। छह गम्भीर मरीज पीजीआई लखनऊ, कानपुर और सैफई में भी भर्ती हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है की जिले में डॉक्टरों की कमी है और विशेषज्ञ डॉक्टर की संख्या न के बराबर है। इस कारण व्यवस्थाएं होने के बाद भी यहां एल-3 हॉस्पिटल नहीं बन सकता। इस कारण वेंटिलेटर बिना यूज हुए रखे ही रह जाते हैं। सीएमएस डॉ. कुलदीप यादव का कहना है कि उनके व्यवस्थाएं पूरी हैं। 40 बेड का पीकू वार्ड भी है। इस बार होम आइसोलेशन अधिक है। रिकवरी भी जल्दी हो रही है।
गैल गांव समेत 25 हॉटस्पॉट बने
सबसे अधिक कोरोना संक्रमित गैल गांव में निकले है। इस कारण गैल में अधिक सतर्कता बरती जा रही है और बाहरी के आने पर रोक लगी है। गैल गांव समेत जिले में 25 जगह हॉटस्पॉट बनाए गए हैं।
एल-1, एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पतालों में ये हैं फर्क
एल-1 के कोविड अस्पताल में सामान्य पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया जाता है। एल-2 में ऐसे मरीज भर्ती किए जाते हैं, जिनकी स्थिति कुछ गंभीर और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है। जबकि एल-3 में अति गंभीर मरीज भर्ती किए जाते है जिन मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत है।
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