उत्तर प्रदेश की बिधूना सीट पर मुकाबला रोचक होने जा रहा है। यहां भाजपा विधायक पिता ने 8 दिन पहले पार्टी छोड़कर सपा ज्वाइन कर ली। भाजपा ने भी नहले पर दहला चला। भाजपा ने विधायक की बेटी रिया शाक्य को मैदान में उतार दिया। फिलहाल, इस सीट पर सपा ने टिकट घोषित नहीं किया है।
चर्चा है कि सपा विनय शाक्य और चाचा देवेश शाक्य में से किसी को भी मैदान में उतार सकती है। बीते दिनों रिया ने पिता विनय शाक्य के अपहरण की बात कही थी। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को पाने की लड़ाई रिया ने लड़ी। रिया शाक्य कहती हैं कि वह लड़की हैं, लेकिन लड़ने की शक्ति भाजपा ने दी है। रिया शाक्य से दैनिक भास्कर के बातचीत के कुछ अंश...
सवाल- भाजपा ने आपको टिकट दिया, इसमें किसका योगदान मानती हैं?
उत्तर- भाजपा नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा जताया। इसके लिए मैं नेतृत्व का आभार जताती हूं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और क्षेत्र की सम्मानित जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है।
सवाल- चाचा देवेश शाक्य को सपा से टिकट मिलता है तो कैसे लड़ पाएंगी?
उत्तर- विपक्ष में मेरे सामने कौन आता है, और कौन नहीं आता। यह मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं है। मैंने धर्म की राह पर अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। द्वापर हो या त्रेता युग। सदैव धर्म की ही विजय हुई है।
सवाल- पिता विनय शाक्य का किसको समर्थन होगा, चाचा के लिए या आपको?
उत्तर- भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जानने और समझने वाले लोग जानते हैं कि पिता और पुत्री का रिश्ता क्या होता है।
सवाल- पिता को क्या विश्वास था कि उनकी बेटी चुनाव मैदान में आएगी?
उत्तर- 2018 में पिता को हुए ब्रेन स्ट्रोक्स से मैं, मेरा भाई और मेरी मां के ऊपर दुःखों का जो पहाड़ टूटा। उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। सहारा देने की बजाय हम लोगों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक यातनाएं दी जाने लगीं। पिता की अस्वस्थता की वजह से जनता की सेवा के लिए मुझे राजनीति में आना पड़ा।
सवाल- चाचा के पास चुनाव लड़ने का अनुभव है। ऐसे में आप उन्हें कैसे चित करेंगी?
उत्तर- जो भाजपा में नहीं वह हमारा नहीं। बस मैं इतना ही कहूंगी। रही बात अनुभव की तो मैं ऐसे पिता की संतान हूं, जिनका 30 वर्षों का राजनीतिक अनुभव है। मेरी उम्र 26 वर्ष है। इसलिए मैं कह सकती हूं कि मेरे पास मां के पेट से ही राजनीति का अनुभव है।
सवाल- चुनाव में भाजपा के अलावा आपके पास क्षेत्र के लिए क्या मुद्दे होंगे ?
उत्तर- मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। किसी भी क्षेत्र का तभी विकास हो सकता है जब वहां सुरक्षा की गारंटी हो। क्षेत्र का सर्वांगीण विकास, महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा के साथ गांवों की प्रतिभा को राष्ट्रीय पटल तक पहचान दिलाना मेरे मुख्य मुद्दे हैं।
सवाल- जो भाजपा के दावेदार थे, उन्हें टिकट नहीं मिला, उन्हें कैसे साथ में लेंगी?
उत्तर- लोकतंत्र में राजनीति करने वाला हर व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग सकता है। कार्यकर्ताओं के लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी मां के समान है। उत्तर प्रदेश की सम्पूर्ण 403 सीटों पर पीएम मोदी और योगी का ही चेहरा है। पार्टी में सब एक है।
सवाल- आप बिधूना विधानसभा के लोगों को क्या संदेश देना चाहती हैं?
उत्तर- मेरे पिता अस्वस्थ हैं। वक्त कम है। हो सकता है कि मैं प्रत्येक व्यक्ति से चुनाव के पहले मिल भी न पाऊं। प्रदेश में अराजकता अपना पांव न पसारे, इसके लिए सभी लोग पूरी ताकत से कमल का साथ दें।
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