राममंदिर आंदोलन के अहम किरदारों में शामिल रहे महंत कन्हैयादास रामायणी का शुक्रवार दोपहर 2 बजे 70 साल की आयु में निधन हो गया। वे अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष और सनकादिक आश्रम के महंत भी थे। वह पटना के महावीर कैंसर अस्पताल में भर्ती थे। पिछले 20 दिनों से उनकी हालत काफी नाजुक थी। उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
फेफड़े के इन्फेक्शन की समस्या से जूझ रहे थे
इस साल हरिद्वार संत सम्मेलन से लौटने के बाद उन्हें कोरोना हो गया था। तभी से महंत कन्हैया दास फेफड़े के इन्फेक्शन की समस्या से जूझ रहे थे। कुछ महीने तक उनका इलाज इंदौर में चला। लेकिन सुधार न होने पर उन्हें करीब एक महीने पहले पटना में भर्ती कराया गया था। उनके पार्थिव शरीर को शिष्य और हरिद्वार के महंत संतोष महाराज अयोध्या लेकर आ रहे हैं। 4 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार सरयू तट पर किया जाएगा।
राम मंदिर आंदोलन के फायर ब्रांड धर्माचार्य थे महंत कन्हैया दास
कन्हैया दास रामायणी, कन्हैयादास रामायणी रामकोट स्थित सनकादिक आश्रम के महंत थे। उनकी गिनती विहिप के ओजस्वी वक्ताओं में होती थी। उसके केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में भी वह शामिल थे। राम मंदिर आंदोलन में भाषण के जरिए युवाओं में जोश भरने के लिए वे जाने जाते थे।
वह रामायण, भागवत सहित हिंदू धर्मशास्त्र के विद्वान थे। इसके साथ योग, संगीत व गायिकी के विशेष जानकार थे। उनके निधन से अयोध्या के संतों, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संगठनों, आरएसएस और विहिप में गहरा शोक है।
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