श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को प्रारंभ हुई।परकोटे के विस्तार, मंदिर में लगने वाली मूर्तियों और रामनवमी के दिन रामजन्म के समय रामलला के ललाट को प्रकाशित करने पर मंथन किया गयाlबैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने की।
इस बार निर्माण समिति के सदस्य बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के सेवानिवृत्त डायरेक्टर जनरल केके शर्मा भी उपस्थित रहे। सी बीआरआई ,रुड़की के वर्तमान डायरेक्टर प्रोफेसर प्रदीप कुमार तथा सेवानिवृत्त डायरेक्टर गोपाल कृष्णन अपनी वैज्ञानिक टीम के साथ बैठक में उपस्थित थे।
सी बी आर आई के विशेषज्ञों ने उस प्रयोग को समझाया जिसके अंतर्गत प्रति वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे सूर्य देवता की किरणें रामलला के ललाट को प्रकाशित करेंगी।
मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा ने मंदिर में लगने वाली मूर्तियों के स्वरूप और आकार पर अपने विचार रखे, सभी लोगों के सुझाव लिए गए, परकोटा की बारीकियों पर चर्चा हुई, चर्चा अभी जारी है।
इस वर्ष पंचकोसी परिक्रमा पर अनुमानित 40 लाख से अधिक भक्तों ने परिक्रमा की। यह अभूतपूर्व था, सबकी इच्छा हुई कि पंचकोसी परिक्रमा पथ को देखा जाए, सायंकाल परिक्रमा पथ देखा गया।इस अवसर पर अयोध्या जनपद के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित रहे।
कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों तथा ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजूद रहे
भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा के अध्यक्षता में बैठक हुई। इसके लिए वे अयोध्या पहुंच गए हैंl पहले दिन की बैठक में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में भवन निर्माण समिति के चेयरमैन कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों तथा ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मौजूदगी में बैठक में परकोटे को बढ़ाने को लेकर मंथन हुआ।
महंतों से ट्रस्ट अपनी मजबूरी बताएगा
राम मंदिर के परकोटे को बढ़ाकर 6 एकड़ से 8 एकड़ कर दिया गया हैl राम मंदिर के परकोटे के विस्तार की योजना को साकार करने के लिए ट्रस्ट परकोटे के विस्तार में आ रहे मंदिरों के प्रबंधक और महंत से भी गंभीर वार्ता कर उनसे सहयोग मागेगाlमहंतों से ट्रस्ट अपनी मजबूरी और राम मंदिर को लेकर देश-विदेश के लोगों की उत्सुकता पर चर्चा हुई। बताते चले कि राममंदिर के गर्भगृह का काम 60 प्रतिशत पूरा हो चुका हैlट्रस्ट 15 दिसंबर से हर हाल में राम मंदिर के परकोटे का काम आरंभ करना चाहता हैl
परकोटा के अंदर परिक्रमा मार्ग की चौड़ाई 16 फीट रहेगी
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार परकोटा का आकार बढ़ाने के बाद अब 25 हजार की जगह 50 हजार श्रद्धालु एक साथ श्रीराम के दरबार में मौजूद रह सकेंगे। उन्होंने बताया कि परकोटा के अंदर ही परिक्रमा मार्ग रहेगा। परकोटा की चौड़ाई 16 फीट रहेगी जबकि ऊंचाई 18 से 21 फीट तक होगी।
परकोटे में रामायण पर आधारित 800 चित्र रहेंगे
राम मंदिर के परकोटे में रामायण पर आधारित पहले 600 चित्र बनने थे,अब आकार बढ़ने के बाद इनकी संख्या लगभग 800 हो गई है। परकोटे में कौन से चित्र लगे, इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसके मुखिया ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि बनाए गए हैं।
गर्भगृह का काम 60% पूरा
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह का काम 60% पूरा कर लिया गया है। भगवान श्रीराम अपने नए भव्य मंदिर में 15 जनवरी 2024 को विराजमान होंगे। इसकी तिथि तय होने के बाद राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है।
गर्भगृह में सफेद संगमरमर के पत्थर लगेंगे
ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने बताया कि गर्भगृह में लगने वाले तराशी के सफेद संगमरमर के पत्थरों का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके बाद इन्हें अयोध्या लाया जा रहा है। जनवरी तक यह पत्थर पूरी तरह अयोध्या पहुंच जाएंगे और राम मंदिर के गर्भगृह का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
मंदिर तक के लिए रामजन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और राम पथ का निर्माण
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के साथ राम भक्तों के मंदिर तक पहुंचने के लिए रामजन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और रामपथ का निर्माण दिसंबर 2023 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। यह काम ट्रस्ट का न होकर प्रशासन का है। फिर भी रामजन्मभूमि पथ का काम बहुत तेजी से चल रहा है, जिसे जनवरी तक पूरा होने की उम्मीद है।
रामपथ का काम दिसंबर 2023 तक पूरा होगा
कामेश्वर चौपाल के अनुसार, रामपथ का काम दिसंबर 2023 तक पूरा होगा। इसे पूरा होने के बाद केवल 700 मीटर चलकर राम भक्त अयोध्या के मुख्य मार्ग पर सुग्रीव किला से रामलला तक दर्शन के लिए सीधे पहुंचेंगे।यह मार्ग हनुमानगढ़ी के सामने से होकर रामजन्मभूमि तक जाएगा। राम पथ का काम दिसंबर 2023 तक राम मंदिर निर्माण से पहले पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है।
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